फिलिस्तीन विशेषकर गाज़ा की सूरतहाल पर मुस्लिम रहनुमाओं ने अत्यंच चिंता प्रकट करते हुए कहा कि, निर्दोष इंसानी जानों, यहां तक कि बच्चों और महिलाओं की लगातार हलाकत, खाना, पानी, दवा और बिजली की आपूर्ति का ठप होना और शहरी इलाक़ों पर लगातार बमबारी और गाज़ा को ख़ाली करने की कोशिशों की हम पुरज़ोर निन्दा करते हैं।
हम यह याद दिलाना चाहते हैं कि यहूदी हकूमत विगत 70 वर्षों से लगातार फिलिस्तीनियों को उनके घरों और ज़मीनों से बेदख़ल कर रही है और उस ज़मीन के मूल वासियों अर्थात फिलिस्तीनियों पर लगातार नृशंस जुल्म ढा रही है।
तमाम अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन करते हुए फिलिस्तीनी इलाक़ों में नयी बस्ती को बसाने और मस्जिद अल-अक़्सा का लगातार अपमान और इस तरह की अन्य आक्रामक नितियां इलाक़े में शांति के मार्ग में सबसे बड़ी रुकावट हैं।
मुस्लिम रहनुमाओं ने अपने बयान में कहा कि, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय सक्रिय हों और रक्तपात के सिलसिले को रोकें. इस इलाक़े में स्थायी शांति के लिए अति आवश्यक है कि फिलिस्तीनी अवाम के अधिकारों की बहाली और इस इस सिलसिले में अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों की स्थापना को यक़ीनी बनाया जाए।
हम सत्ता पर बैठे लोगों से भी मांग करते हैं कि हिन्दुस्तान के बहुप्रतिक्षित साम्रराज्यवाद विरोधी और मैत्रीपूर्ण फिलिस्तीनी वैदेशिक नीति, जिसकी गांधी जी से लेकर वाजपयी जी तक ने भी वकालत की है, उसको जारी रखते हुए वे फिलिस्तीना अवाम को उनके वैध अधिकारों को दिलाने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे।
इस बयान को मौलाना ख़लिद सैफुल्लाह रहमानी, अध्यक्ष ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, मौलाना सैयद अरशद मदनी, अध्यक्ष जमीयत ओलमा-ए- हिंद, सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी, अमीर जमाअत इस्लामी हिन्द, मौलाना सैयद महमूद असद मदनी, अध्यक्ष जमीयत ओलमा-ए- हिंद, मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ कछौछवी, अध्यक्ष ऑल इंडिया ओलमा व मसाइख़ बोर्ड, मौलाना अबुलक़ासिम नोमानी, नाज़िम दारुलउलूम देवबंद।
मौलाना असग़र अली इमाम मेंहदी, अमीर जमीयत अहले हदीस हिंद, जनाब सैयद अहमद वली फैसल रहमानी, अमीर, इमारत-ए-शरिया बिहार, उड़ीस व झारखंड, मौलाना सैयद तनवीर हाशमी, अध्यक्ष जमाअत अहले सुन्नत, कर्नाटक, डॉक्टर ज़फरुल इस्लाम खां, पूर्व अध्यक्ष ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरज, डॉक्टर मुफ्ती मुकर्रम अहमद, शाही इमाम मस्जिद फतहपुरी, डॉक्टर मोहम्मद मनज़ूर आलम, जेनरल सेक्रेट्री ऑल इंडिया मिल्ली कौंसिल, मौलाना मोहसिन तक़वी, इमाम शिया जामा मस्जिद ने ज़ारी किया हैं।