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मेवात: जमीयत उलमा हिंद ने दंगा पीड़ितों की तरफ़ बढ़ाया मदद का हाथ, पीड़ितों को मकान के लिए प्लाट और 1-1 लाख रुपये चेक सौंपे

जमीयत उलमा हिंद की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने वालों को एक बार फ़िर से मौलाना अरशद मदनी ने मुंह तोड़ जवाब दिया हैं।

मेवात के फिरोजपुर झारका में जमीयत उलमा हिंद ने आज औपचारिक रूप से उन दंगा पीड़ितों को जमीन के कागजात और 1 लाख रुपये सौंपे, जिनके घरों पर प्रशासन ने मेवात दंगों के बाद यह दावा करते हुए बुलडोजर चला दिया था कि यह वन विभाग की जमीन थी. हालांकि ये लोग काफी समय से इन पहाड़ियों की तलहटी में घर बनाकर रह रहे थे।

जमीयत उलमा हिंद ने दंगा पीड़ितों में से 20 लोगों को चुना जिनके पास न तो जमीन थी और न ही रहने के लिए घर था, घर पर बुलडोजर चलने के बाद से ये लोग उसी जगह प्लास्टिक आदि डालकर रह रहे थे।

मौलाना अरशद मदनी ने पीड़ितों के लिए 22 एकड़ जमीन खरीदी और उसकी रजिस्ट्री कराई और एक परिवार को लगभग 100 गज का घर दिया।

इसके आलावा एक पानी की टंकी और एक मस्जिद देने का भी अपना वादा उन्होंने पूरा किया हैं, गांव के लोगों को एक मस्जिद और उसमें इमाम साहब की व्यवस्था भी की गईं हैं, इमाम साहब पीड़ितों के बच्चों को बुनियादी धार्मिक शिक्षा देंगे।

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