मेवात: पुलिस हिरासत में मुस्लिम व्यक्ति की संदिग्ध मौत, परिवार ने लगाया हत्या का आरोप
हरियाणा के मेवात ज़िले में एक 50 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत के बाद तनाव फैल गया है। मृतक की पहचान लुहिंगा गाँव निवासी जमील के रूप में हुई है। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने हिरासत में ही जमील की हत्या की है।
मकूटब मीडिया कि रिपोर्ट के अनुसार, 8 अक्टूबर को जमील राजस्थान के समाधिका गाँव पैसे लेने जा रहे थे, तभी रास्ते में नटवर नामक व्यक्ति और उसके साथियों ने उन पर हमला कर दिया। ग्रामीणों के मुताबिक हमलावरों ने जमील के सिर पर डंडे और ईंटों से वार किया।
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुँची, लेकिन गंभीर रूप से घायल जमील को अस्पताल ले जाने की बजाय डींग पहाड़ी थाने ले गई। कुछ घंटे बाद पुलिस ने उसे अस्पताल पहुँचाया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मौत की खबर फैलते ही लुहिंगा गाँव में गुस्सा और शोक फैल गया। ग्रामीणों ने हत्या का मामला दर्ज करने और पुलिस कार्रवाई की जांच की मांग की। शुरुआत में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार किया, जिसके बाद ग्रामीणों ने जमील का शव लेने से मना कर दिया। देर रात पुलिस ने लगभग 25 ग्रामीणों को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद रिहा किया।
अगले दिन पुलिस ने दो ज्ञात और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
जमील के भाई सलीम ने बताया, “नटवर और उसके साथियों ने लोहे की रॉड और पत्थर से हमला किया। पुलिस जब पहुँची, तब तक वह ज़िंदा था, लेकिन अस्पताल ले जाने के बजाय थाने ले गई, जहां उसकी मौत हो गई।”
एक अन्य रिश्तेदार फुरकान ने कहा, “हमें कानून पर भरोसा है, लेकिन कार्रवाई बहुत धीमी है। हत्या का मामला दर्ज कर दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए।”
जमील की पत्नी ज़ाहिदा ने रोते हुए कहा, “मेरे पति निर्दोष थे। वह काम से जा रहे थे, लेकिन उन्हें बेरहमी से मार दिया गया। जिसने उन्हें मारा, उसे भी सज़ा मिलनी चाहिए।”
मृतक के परिवार में नौ बच्चे हैं — पाँच बेटे और चार बेटियाँ। उनकी तीन बेटियों की शादी इसी साल के अंत में होने वाली थी।
फिलहाल, पुलिस ने अब तक मौत के कारण पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। मकतूब द्वारा संपर्क करने पर पहाड़ी पुलिस स्टेशन से कोई जवाब नहीं मिला।