देशभर के मुसलमानों की समस्याओं को लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के नेतृत्व में मुसलमानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात की।
रामनवमी के दिन देशभर में हुई हिंसा के बाद से मुस्लिमों की सुरक्षा को लेकर बहुत सारे सवाल खड़े हो रहें हैं, जिनको मौलाना महमूद मदनी ने अमित शाह के सामने उठाया हैं।
इस मीटिंग में सांप्रदायिक दंगे, नफरती अभियान, बढ़ती इस्लामोफोबिया की घटना, मदरसे की आजादी, यूसीसी, मॉब लिंचिंग, मुस्लिम आरक्षण, कश्मीर स्थिति और मौलाना कलीम सिद्दीकी की रिहाई के मुद्दे पर बात हुई।
मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने अमित शाह के सामने मुसलमानों से जुड़ी समस्याओं को लेकर एक प्रजेंटेशन भी दी. जिसमें मुस्लिम नेताओं ने मॉब लिंचिंग और हेट स्पीच जैसे मामलों पर सरकार की चुप्पी को तकलीफदेह बताया है।
बैठक में सीएए पर आगे विस्तार से चर्चा करने का भरोसा भी मिला हैं, जमीयत उलेमा ए हिंद से जुड़े सूत्र ने बताया कि बैठक के दौरान अमित शाह ने हेट स्पीच और मॉब लिंचिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है।
इस प्रतिनिधिमंडल में मौलाना असगर अली, मौलाना शब्बीर नदवी, कमाल फारुकी, प्रोफ़ेसर अख्तरुल वासे समेत 16 मुस्लिम उलमाओं और बुद्धिजीवियों ने मुलाक़ात की।