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इस्राइल चुनाव में मुस्लिम पार्टी बनी किंग मेकर,नेतन्याहू को प्रधानमंत्री पद से हटाने में निभाईं अहम भूमिका

इस्राइल में नई सरकार के गठन की तैयारी शुरू हो चुकी है और इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के जाने का भी समय करीब आ गया है।

इस्राइल का इतिहास रहा है कि यहां पर किसी भी पार्टी ने आजतक पूर्ण बहुमत की सरकार नही बनाई है यहाँ पर हर बार गठबंधन सरकार ही बनती है।

2021 में संपन्न हुए इस्राइली चुनाव में कुल 13 पार्टियों के प्रतिनिधि चुनाव जीते है। जिनमें से 8 पार्टी के प्रतिनिधि मिलकर यैर लपीद के नेतृत्व में नई सरकार का गठन करेंगे।

इस्राइली संसद मे कुल 120 सीटें है और 61 सीटों वाला गठबंधन सरकार बना सकता है। यैर लपीद के नेतृत्व वाला गठबंधन फिलहाल 61 सीटों के साथ सरकार बना रहा है।

इस बार इस्राइल चुनाव में खास बात यह रही कि यहां मंसूर अब्बास की मुस्लिम पार्टी (राम) ने किंग मेकर की भूमिका निभाई है। तथा नेतन्याहू को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया है।

मंसूर अब्बास की पार्टी ने इस्राइली चुनाव में चार सीटें जीती है और यह चार प्रतिनिधि जिस भी गठबंधन का हिस्सा बनते यहाँ पर उसी की सरकार बनती।

मंसूर अब्बास का कहना है कि हमने अपनी शर्तो के साथ यैर लपीद से गठबंधन किया है। हमने अरब-इजरायली लोगों के लिए कई डील मिलने के बाद ही सरकार को समर्थन दिया है।

वैसे तो इस्राइल हमेशा से फिलिस्तीनी मुसलमानों का दुश्मन रहा है लेकिन इस बार मुस्लिम पार्टी के गठबंधन में शामिल होने से लगता है फिलिस्तीन के प्रति इस्राइल का रवैया नरम पड़ेगा।

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