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अमरावती हिंसा में रज़ा एकेडमी के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला, ग्रहमंत्री ने क्लीन चिट दी

हिंदुस्तान में जब भी कहीं हिंसा होती हैं तो उस हिंसा के बाद से मुसलमान और उनसे संबंधित संगठनों को शक की नज़र से देखा जाता हैं. क्योंकि मुसलमानों पर इल्ज़ाम लगाना सबसे आसान होता हैं।

महाराष्ट्र के अमरावती में भी यहीं हुआ रज़ा एकेडमी पर हिंसा का आरोप लगाया गया लेकिन हिंसा के मामले में रज़ा एकेडमी को गृह मंत्री ने क्लीन चिट दे दी हैं. क्योंकि रज़ा एकेडमी के खिलाफ़ हिंसा से संबंधित कोई भी सबूत नहीं मिला।

त्रिपुरा में मुस्लिम विरोधी हिंसा तथा पैगंबर ए इस्लाम मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी करने के खिलाफ रज़ा एकेडमी ने अमरावती में शांतिपूर्ण बंद का ऐलान किया था।

इसके अगले ही दिन हिंदुत्ववादी संगठनों ने भी अमरावती में रजा एकेडमी पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर बंद का आयोजन किया था. उस दौरान वहा हिंसा भड़की थी जिसका आरोप रज़ा एकेडमी पर लगा था।

महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप विल्शे पाटिल ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अमरावती हिंसा में रजा एकेडमी की कोई भूमिका नहीं है. इसलिए इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता।

इस फैसले पर रजा एकेडमी के अध्यक्ष अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी साहब ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वोल्सी पाटिल के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि दूध का दूध पानी का पानी हो गया और दुनिया के सामने सच्चाई आ जाए।

दुनिया ने देखा है कि दंगा करने वाला कौन है और कौन शांति का रखवाला है. रज़ा एकेडमी लोगों की मदद करती रही है. चाहे वह बाढ़ के दौरान हो, या बाढ़ पीड़ितों की हो, या सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी पहुंचाना हो, रज़ा एकेडमी हर क्षेत्र में अपनी सेवाओं के माध्यम से लोगों की मदद करती है और करती रहेगी।

अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी साहब ने मामले की निष्पक्ष जांच करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री एवं सरकार का शुक्रिया अदा किया।

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