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मोहर्रम को लेकर यूपी पुलिस ने आपत्तिजनक सर्कुलर निकाला, कांग्रेस नेता अली मेहंदी बोले- योगी सरकार एवं DGP माफ़ी मांगे

उत्तर प्रदेश में मोहर्रम के जुलूस को लेकर यूपी पुलिस ने आपत्तिजनक एवं भड़काऊ सर्कुलर ज़ारी किया है तथा शिया और सुन्नी मुसलमानों को बांटने की कोशिश की गई है।

19 अगस्त को पूरे देश में मोहर्रम का जुलूस निकाला जाएंगा जिसको देखते हुए यूपी पुलिस ने कोरोना वायरस के कारण गाइडलाइन ज़ारी की थी। पुलिस द्वारा ज़ारी गाइडलाइन में मुसलमानों में भेदभाव पैदा करने वाली आपतिजनक बातों का भी जिक्र किया गया था। जिसको लेकर उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में बवाल मचा हुआ है।

यूपी पुलिस की गाइडलाइन में लिखा था कि शिया समुदाय के कुछ असामाजिक तत्व जानवरों की पीठ पर और पतंगों पर ऐसी बातें लिखकर उड़ाते हैं जिन पर सुन्नी समुदाय को आपत्ति होती है।

सुन्नी समुदाय के लोगों के साथ करने पर पता चला कि शिया समुदाय द्वारा ऐसा कुछ नही किया जाता है जिस पर हमें आपत्ति हो। हम सब भाई-भाई है तथा मिलजुल कर मोहर्रम मनाते है।

शिया धर्म गुरू मौलाना कल्बे जवाद इस सर्कुलर को बगदादी का बयान बताया है उनका कहना है कि यह पुलिस अधिकारी का बयान नही हो सकता। मौलाना कल्बे जवाद ने प्रदेश की सभी मोहर्रम कमेटियों को पुलिस की मीटिंग का बहिष्कार करने का भी आदेश दिया है।

योगी सरकार एवं यूपी पुलिस द्वारा ज़ारी आपत्तिजनक सर्कुलर पर कांग्रेस नेता अली मेहंदी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि “मोहर्रम पर अपने आपत्तिजनक बयान के लिए आदित्यनाथ सरकार और DGP UP माफ़ी माँगे।

अली मेहंदी का कहना है कि इमाम हुसैन (अ.स.) की शहादत ने कयामत तक के लिए इंसानियत को बचा लिया। हर इंसान इमाम हुसैन (अ.स.) को याद करता है।

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