हरियाणा के मेवात में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद से मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा लगातार भाईचारा कायम करने की कोशिश की जा रहीं हैं, इसी बीच नूंह से भी बहुत अच्छी ख़बर आई हैं।
मरोरा गांव के मुसलमान भाईचारे की मिशाल कायम करते हुए पूरी रात जागकर एक मंदिर और गौशाला की रखवाली करते हैं ताकि कोई भी असामाजिक तत्व गांव का माहौल ना बिगाड़ सकें।
बीती 31 जुलाई को हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद से मुस्लिम समुदाय के लगभग 30 से 40 युवा गांव में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक एक मंदिर और गौशाला की रखवाली करते हैं।
मरोरा गांव के सरपंच मुस्ताक खान द्वारा 1 अगस्त 2023 को आयोजित एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि क्षेत्र के युवा और बुजुर्ग मिलकर मंदिर को सुरक्षित रखेंगे, जिसके बाद से मुस्लिम युवा पूरी मुस्तैदी के साथ ड्यूटी दे रहे हैं।
मुस्ताक खान के मुताबिक, नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद से गांव में रहने वाले हिंदू भाई डर गए थे, जिसके बाद मैंने तुरंत ‘छत्तीस बिरादरी’ की एक बैठक बुलाई और मुस्लिम समुदाय के लोगों को गांव के मंदिर और गौशाला की रक्षा करने का निर्देश दिया और गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगाई।
जब तक इलाक़े में शान्ति कायम नहीं हो जाती तब तक हमारे युवा पूरी मुस्तैदी के साथ मंदिर और गौशाला की रक्षा करेंगे तथा किसी भी प्रकार की अनहोनी घटना नहीं होने देंगे।