उत्तराखंड में यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) का विरोध लगातार तेज़ होता जा रहा है, बीते शनिवार को सैकड़ों मुसलमानों ने हरिद्वार में कलेक्टर कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
यह विरोध प्रदर्शन मुस्लिम सेवा संगठन द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने 27 जनवरी से समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन को अस्वीकार कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने कानून वापस लेने की मांग करते हुए राज्य सरकार को सख़्त चेतावनी दी है।
मुस्लिम सेवा संगठन के सदस्य मोहम्मद रिज़वान ने कहा, “हम देश के कानून के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यूसीसी हमारे धार्मिक अधिकारों और व्यक्तिगत कानूनों का सीधा उल्लंघन है।”
रिजवान ने आगे कहा, “जब तक वे हमारी आवाज नहीं सुनेंगे, हम चैन से नहीं बैठेंगे। सरकार को यह समझना चाहिए कि यह कानून हमारे समुदाय के हितों के खिलाफ है।”
जबकि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा है कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) एक न्यायपूर्ण और एकजुट समाज बनाने का एक प्रयास है, मुस्लिम सेवा संगठन और कई अन्य मुस्लिम संगठनों ने यूसीसी के खिलाफ देशव्यापी लामबंदी का भी आह्वान किया है।
द आब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक़, विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए पूर्व राज्य मंत्री नईम अख्तर ने कहा, “हमने हमेशा अपने संविधान का सम्मान किया है। हालांकि, कोई भी कानून जो हमारे धर्म का पालन करने के अधिकार के खिलाफ है, उस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।”
हम लोग सड़क से संसद तक इस कानून का विरोध करेंगे, हम सिर्फ खुदा से डरते हैं। ऐसे तो बहुत कानून लाए गए, किसानों के विरुद्ध कानून लाया गया लेकिन उन्हें विरोध करके हुकूमत को मजबूर किया कि ऐसा काला कानून वापस ले और कानून वापस लिया गया, हम भी लड़ाई लड़ेंगे।