हिंदुस्तान में आए दिन पैग़म्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान में गुस्ताख़ी की जाती हैं. लेकिन धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला देकर उन्हें छोड़ दिया जाता हैं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतीन ने पैग़म्बर-ए-इस्लाम मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी की निंदा की।
23 दिसंबर को हुई सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब का अपमान करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा नहीं है।
व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि, “पैगंबर मुहम्मद का अपमान करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में नहीं गिना जाता है, यह धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है और इस्लाम को मानने वाले लोगों की पवित्र भावनाओं का उल्लंघन है।
मुस्लिम एक्टिविस्ट शाहनवाज अंसारी का कहना हैं कि “रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतीन ने अपने एक बयान में कहा- “पैग़म्बर-ए-इस्लाम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की शान में गुस्ताख़ी करना फ़्रीडम ऑफ स्पीच नहीं माना जा सकता है”. किसी भी दीन/धर्म का अपमान करना या उसका मज़ाक़ बनाना फ़्रीडम ऑफ स्पीच नहीं होना चाहिए. ये बात सबको समझनी चाहिए।
रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतीन ने अपने एक बयान में कहा- "पैग़म्बर-ए-इस्लाम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की शान में गुस्ताख़ी करना फ़्रीडम ऑफ स्पीच नहीं माना जा सकता है"
किसी भी दीन/धर्म का अपमान करना या उसका मज़ाक़ बनाना फ़्रीडम ऑफ स्पीच नहीं होना चाहिए। ये बात सबको समझनी चाहिए!
— Shahnawaz Ansari (@shanu_sab) December 24, 2021
हिंदुस्तान में नरसिंहानंद जैसे कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता आए दिन पैगंबर मोहम्मद साहब के बारे में अपशब्द बोलते हैं उनको यह बात समझने की ज़रूरत हैं. क्योंकी रूस के राष्ट्रपति का बयान पूरी दुनियां के लिए हैं।