हिंदुस्तान में एक ख़बर बहुत तेज़ी से वायरल हो रहीं हैं कि सऊदी अरब ने तब्लीग़ी जमाअत पर प्रतिबंध लगा दिया हैं. जिसमें बिलकुल भी सच्चाई नहीं हैं।
आपको बता दे कि जिस मिनिस्ट्री ऑफ इस्लामिक अफेयर्स के ट्विट का जिक्र करके यह बताया जा रहा हैं कि सऊदी अरब ने तब्लीग़ी जमाअत पर प्रतिबंध लगा दिया हैं उसमें साफ साफ लिखा हैं कि “यह प्रतिबंध “अल अहबाब” पर लगा हैं।
अल अहबाब अफ़्रीक़ी राजनीतिक ग्रुप हैं जो सऊदी अरब में तब्लीग करते हैं. आपको बता दें कि तब्लीग का मतलब तब्लीग़ी जमाअत नहीं होता हैं बल्कि तब्लीग का मतलब प्रचार-प्रसार होता हैं।
सऊदी अरब की मिनिस्ट्री ऑफ इस्लामिक अफेयर्स के अनुसार “इस्लामिक मामलों के मंत्री डॉ अब्दुल्लातिफ अल अलशेख ने मस्जिदों के प्रचारकों और मस्जिदों को निर्देश दिया कि “तब्लीगी और दावा समूह” जिसे “अल अहबाब” कहा जाता है, उनसे अगले जुम्मा (शुक्रवार) की नमाज़ से पहले तारीख 5/6/1443 हिज़री तक मस्जिदें खाली करवा ले।
His Excellency the Minister of Islamic Affairs, Dr.#Abdullatif Al_Alsheikh directed the mosques' preachers and the mosques that held Friday prayer temporary to allocate the next Friday sermon 5/6/1443 H to warn against (the Tablighi and Da’wah group) which is called (Al Ahbab)
— Ministry of Islamic Affairs 🇸🇦 (@Saudi_MoiaEN) December 6, 2021
मिनिस्ट्री ऑफ इस्लामिक अफेयर्स का कहना हैं कि “अल अहबाब समूह के लोग पथभ्रष्टता, विचलन और खतरे की घोषणा, और यह आतंकवाद के द्वारों में से एक है, भले ही वे कुछ ओर दावा करें. इसके साथ साथ वह समाज के लिए खतरा हैं. इसलिए इन पर सऊदी अरब में प्रतिबंध लगाया जाता हैं।”
सोशल एक्टिविस्ट एवं अरब में काम करने वाले शाहनवाज अंसारी का कहना हैं कि “सऊदी अरब ने ‘तब्लीग़ी जमाअत’ पे किसी भी तरह की कोई पाबन्दी नहीं लगाई है. मिनिस्ट्री ऑफ इस्लामिक अफेयर्स ने अपनी ट्वीट के ज़रिये- अफ़्रीक़ी सियासी ग्रुप अल- अहबाब (जमाअत-उद-दावा) की तब्लीग़ (प्रचार प्रसार) को रोकने की बात कही है. ‘तब्लीग़’ का मतलब होता है ‘प्रचार प्रसार’ तब्लीग़ का मतलब ‘तब्लीग़ी जमाअत’ नहीं होता है।
https://twitter.com/shanu_sab/status/1469937032801796098?t=G0-DNr63noqyUdSWLfv4Cw&s=19
शाहनवाज अंसारी के अनुसार “भारतीय गोदी मीडिया ने ‘तब्लीग़’ का नाम देखते/सुनते ही इसे ‘तब्लीग़ी जमाअत’ से जोड़ दिया और अपनी तरफ़ से ख़बर बना दिया। फिर क्या था। हमारे सोशल मीडिया के नाबालिग़ क्रांतिकारी क्रांति करने लगे. एक दूसरे पर तोहमत लगाने लगे।”