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सुप्रीम कोर्ट से योगी सरकार को लगी फटकार, सपा नेता यूसुफ मलिक के खिलाफ NSA के तहत की जा रही कार्यवाही को रद्द करने का आदेश दिया

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए सपा नेता यूसुफ मलिक के खिलाफ NSA के तहत की जा रही कार्यवाही को रद्द करके उन्हें रिहा करने का आदेश दिया हैं।

कोर्ट ने इस मामले पर हैरानी जताते हुए कहा है कि राजनीतिक मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्यवाही नहीं की जानी चाहिए. राज्य सरकार को दिमाग लगा कर कार्यवाही करनी चाहिए।

पत्रकार स्वाति मिश्रा ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट के ज़रिए इस मामले विस्तार पूर्व बताते हुए कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में सपा नेता यूसुफ मलिक के खिलाफ बकाया राजस्व विवाद में रासुका (NSA/राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत की जा रही कार्यवाही को रद्द करके उन्हें छोड़ने को कहा है।

कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि राजनीतिक मामलों में इसे नहीं लगाया जाना चाहिए. कोर्ट ने राज्य को दिमाग न लगाने और अधिकार के बेजा इस्तेमाल के लिए झाड़ा है।

यूसुफ मलिक ने कहा था कि 25 मार्च 2022 को उनकी बेटी के ससुर के घर पर 23 लाख रुपए बकाए (हाउस टैक्स और वाटर टैक्स) का नोटिस चिपकाया गया था. जबकि इससे पहले इसके बारे में कोई सूचना नहीं दी गई थी. फिर उसके अगले ही दिन म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के अडिशनल कमिश्नर ने शिकायत की कि यूसुफ अधिकारियों को राजस्व वसूलने से रोक रहे हैं और उन पर एफआईआर कर दी गई।

एफआईआर में कहा गया कि यूसुफ मलिक ने रेवेन्यू ऑफिसर के ऑफिस में घुसकर घर सील करने के लिए उन्हें धमकाया. उसके अगले दिन रेवेन्यू इंस्पेक्टर की शिकायत पर एक एफआईआर हुई, जिसमें कहा गया कि घर सील किया गया था, लेकिन गेट पर एक सील टूटी पाई गई।

जबकि यूसुफ मलिक के तरफ के लोगों का कहना था कि सीलबंद मकान में एक गर्भवती महिला थी, जिसे घर की सील तोड़कर निकाला  गया था. यूसुफ मलिक आजम खान के करीबी हैं।

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