ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर एवं फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ़ आपत्तिजनक ट्वीट करने वाले व्यक्ति के ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही नहीं करने पर हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई हैं।
न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने दिल्ली पुलिस से अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा हैं. इसके लिए पुलिस को छह सप्ताह का समय भी दिया गया हैं।
पुलिस के वकील ने कहा कि वह अभद्र भाषा के मामलों में की जाने वाली कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों से अवगत है और आश्वासन दिया कि मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले पर पत्रकार स्वाति मिश्रा ने विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा कि, जिस आदमी के चक्कर में ज़ुबैर पर पॉक्सो के तहत फ़र्ज़ी केस हुआ, अब उस आदमी की शामत है. 2020 में ज़ुबैर ने एक फैक्टचेक का लिंक पोस्ट किया. उस आदमी जगदीश सिंह ने घटिया कॉमेंट किया. ज़ुबैर ने उसकी प्रोफाइल फोटो ट्वीट की. उसमें वो अपनी पोती के साथ खड़ा था।
ज़ुबैर ने पोती का चेहरा ब्लर करके फोटो के साथ लिखा, ‘क्या आपकी प्यारी पोती सोशल मीडिया पर लोगों को गाली देने की आपकी पार्ट टाइम जॉब के बारे में जानती है? मेरा सुझाव है कि आप अपनी प्रोफाइल फोटो बदल लें.’ नैशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो की शिकायत पर POCSO में केस दर्ज हुआ था।
जिसमें बाद में पुलिस ने कोर्ट में माना कि ज़ुबैर के ट्वीट में कुछ भी आपराधिक नहीं था. जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने मार्च में दिल्ली पुलिस से पूछा था कि आपत्तिजनक ट्वीट करने वाले जगदीश सिंह के ख़िलाफ़ क्या ऐक्शन लिया?
कोर्ट ने आज फिर जगदीश सिंह के ख़िलाफ़ कोई ऐक्शन न लेने पर दिल्ली पुलिस को फटकारा. जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने पुलिस से कहा कि आप लोग ज़ुबैर के पीछे हाथ धोकर पड़े थे लेकिन केस उलट गया क्योंकि ज़ुबैर के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं था, लेकिन आप लोगों ने जगदीश सिंह के ख़िलाफ़ क्या ऐक्शन लिया?
दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि ज़ुबैर बस अपने ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर ख़ारिज करवाना चाहते थे. जस्टिस भंभानी ने उनको याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार हेटस्पीच के ख़िलाफ़ कड़े ऐक्शन की बात कही है, जिसमें कोई शिकायत न होने पर भी पुलिस को ख़ुद संज्ञान लेकर केस दर्ज करना चाहिए।