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दूसरे दिन भी बैंककर्मियों का हड़ताल जारी। बोले “शौक नहीं मजबूरी है ये आंदोलन ज़रूरी है”

बैकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक के कर्मचारी आज दूसरे दिन भी हड़ताल पर हैं। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के तरफ से बुलाये गए इस 2 दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का असर देश के हर हिस्से में देखने को मिला है।

दिल्ली के जंतर मंतर पर भारी संख्या में बैंक कर्मचारी जमा हुए। भारी संख्या में महिला कर्मचारियों ने भी इस हड़ताल में भाग लिया।

दिल्ली स्टेट बैंक कर्मचारी संघ के मुख्य सचिव जे पी शर्मा जी ने NDTV से बातचीत के दौरान कहा कि जब वित्त मंत्री शश्रीमती निर्मला सीतारमण जी ने कहा है कि हम देश के कुछ बैंकों का निजीकरण करेंगे तब हमारे बैंक कर्मचारियों के संगठन ने ये तय किया है कि हम 2 दिनों का राष्ट्रव्यापी हड़ताल बुलाएंगे। उन्होंने कहा कि आज हमारे इस हड़ताल का दूसरा दिन है और हमरा ये हड़ताल किसी हद्द तक सफल भी रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि “इंद्रा जी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण इसलिए किया था क्योंकि जितने भी बैंक थे वो सभी कुछ पूंजीपतियों के हाथ में थे। वे लोग जनता के पैसों का उपयोग अपने उद्योग को बढ़ाने के लिए करते थे न कि जनता की हित के लिए।
उन्होंने आगे कहा कि बैंक में पड़े जनता के पैसों का इस्तेमाल आम जनता की भलाई के लिए होना चाहिए न कि कुछ उद्योगपतियों के लूट के लिए। आज आप देखेंगे कि बैंकों में को NPA है अरबों रुपये का उसका 80 से 90 प्रतिशत बड़े बड़े उद्योगपतियों का है चाहे वह माल्या हो या फिर मेहोल चौकसी हो। इसीलिए हम बैंकों के इस निजीकरण का विरोध करते हैं।

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