कोरोना वायरस संक्रमण का दूसरा दौर अब खतरनाक रूप ले चुका है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अस्पतालों के बाहर मरीजों की लंबी लंबी कतारें लगी हैं। शमशान और कब्रिस्तानों के बाहर भी लोगों की लंबी लाइन लगी है।
रोज़ ढाई लाख से ज़्यादा लोग आधिकारिक रूप से कोरोना संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। अस्पताल बेड और ऑक्सिजन की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में सरकार और सरकार के मंत्रियों की ज़िम्मेदारी और बढ़ जाती है कि वे लोगों को बचाए।
लेकिन अफसोस हमारे देश में ऐसा नहीं हो रहा है। सरकार ही सबसे ज़्यादा लापरवाही बरत रही है। देश का प्रधानमंत्री चुनावी रैली कर रहा है और स्वास्थ्य मंत्री ट्वीटर पर राजनैतिक रोटी सेंक रहा है।
दरअसल हुआ यूं कि देश में कोरोना की चिंताजनक स्तिथि को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर कोरोना से निपटने के कई उपाए बताए। उन्होंने चिट्ठी के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी को कोरोना से निपटने के पांच उपाए बताए। उनका ये चिट्ठी सोशल मीडिया में खूब वायरल होने लगा।
Ex-PM Manmohan Singh writes to Prime Minister Modi, suggests measures to tackle #COVID19 surge across India pic.twitter.com/D5iN0L9BQU
— NDTV (@ndtv) April 18, 2021
उनके इस चिट्ठी पर अमल करने के बजाए स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने इसको राजनीतिक प्रतिद्वंद्वीता के तौर पर ले लिया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के चिठ्ठी का जवाब उनको एक चिट्ठी लिखकर दिया है। साथ ही उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि अगर आपके विचारों को आपके ही पार्टी के नेता मान लिए होते तो इतिहास आज आपको एक अलग नजर से देखती।
History shall be kinder to you Dr Manmohan Singh ji if your offer of ‘constructive cooperation’ and valuable advice was followed by your @INCIndia leaders as well in such extraordinary times !
Here’s my reply to your letter to Hon’ble PM Sh @narendramodi ji 👍 @PMOIndia pic.twitter.com/IJcz3aL2mo
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) April 19, 2021
पूर्व प्रधानमंत्री के सलाह को दरकिनार कर उनको ट्रोल करना स्वास्थ्य मंत्री को काफी महंगा पड़ गया। ट्वीटर पर लोग उनकी खूब आलोचना कर रहे हैं। रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने उनकी जमकर आलोचना की है। उन्होंने लिखा है कि
हर्षवर्धन जी, शर्म करिए।
विश्वास नहीं होता की आप वही व्यक्ति हैं जिसने पल्स पोलियो अभियान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
आप जानते हैं की न कोविड कंट्रोल के लिए सही कदम उठाए जा रहे हैं और न ही वैक्सीनेशन ढंग से हो रहा है।
फिर भी सही सुझावों का तिरस्कार? ऐसी क्या मजबूरी है?
https://twitter.com/suryapsingh_IAS/status/1384056234173632521?s=19