उत्तराखंड के हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहें हैं, हिंदुत्ववादियों के आगे राज्य की BJP सरकार और पुलिस प्रशासन नतमस्तक हो गया हैं, खौफ के साए में जी रहें मुसलमानों ने अब पलायन शुरू कर दिया हैं।
उत्तरकाशी से बड़े पैमाने पर मुसलमानों का पलायन हो रहा हैं, कोई 35 साल पुरानी दुकान खाली करके जा रहा हैं तो कोई 18 साल पुरानी दुकान छोड़कर चला गया।
हिंदुत्ववादियों ने मुस्लिम दुकानदारों को 15 जून तक दुकान और मकान खाली करने का अल्टीमेटम दिया हैं, अगर मुसलमान 15 जून तक मकान और दुकान खाली नहीं करते हैं तो कड़ा एक्शन लेने की भी धमकी दी हैं।
हिंदुत्ववादियों की धमकियों से मुसलमान बुरी तरह डर गए हैं, उनकी आंखों में बेबसी और लाचारी साफ देखी जा रही थी. उत्तरकाशी के पुरौला मेन बाज़ार में 18 साल पुरानी ज़ाहिद क्लॉथ हाउस के मालिक ट्रक में सामान लोड कर यहां से वापस जा रहा है. अपनी दुकान खाली होते देख उनकी आंखों से आंसू निकल रहें थे।
आठ साल से पुरौला में कार वॉश का काम कर रहे मोहम्मद वसीम का कहना हैं कि, पहले सभी लोग बड़े अच्छे से मिल जुल कर रहते थे, लेकिन अचानक से माहौल बदल गया और अब यहां से वापस सहारनपुर अपने गांव जा रहे हैं।
सोशल एक्टिविस्ट अशरफ़ हुसैन के मुताबिक़, उत्तराखंड पर मीडिया बिलकुल खामोश है, मुसलमानों के दुकानों पर निशान लगाए जा रहे, उन्हें जगह छोड़ने कि नोटिस चिपकाई जा रही, किसी एक कि गलतियों के कारण वर्षों से प्यार मोहब्बत के साथ रह रहे मुसलमानों के साथ ये व्यवहार कहाँ तक दुरुस्त है?
इस मामले पर पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी कहते है कि, उत्तराखंड के उत्तरकाशी से मुस्लिम समुदाय ने पलायन करना शुरू कर दिया है,कोई 35 साल पुरानी दुकान को खाली कर सामान लेकर जा रहा है तो कोई 18 साल पुरानी दुकान को आंसुओं के साथ खाली कर रहा है, शांत रहने वाले उत्तराखंड में धार्मिक संगठनों ने लव जिहाद के नाम पर ज़हर फ़ैलाया और मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत फ़ैलाने के ऐलान कर दिया जिसके बाद अपने दर्द को कपड़ों में लपेटकर मुस्लिम समुदाय ने पलायन करना शुरू कर दिया है, बहुसंख्यक समुदाय को मुबारकबाद, आज़ाद मुल्क़ में रहने की आज़ादी को छीना गया है।