पश्चिम बंगाल में मॉब लिंचिंग और पुलिस हिरासत में मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है, इस पूरे मामले पर ममता बनर्जी सरकार की चुप्पी भी चिंता का विषय बनी हुई है।
ताज़ा मामला दक्षिण 24 परगना के ढोलाहाट इलाके का है, जहां 22 वर्षीय अबू सिद्दीकी हलदर की पुलिस हिरासत में कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है।
मृतक के परिवार ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके बेटे की हत्या की गई है, पीड़ित परिवार ने न्याय की मांग करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, 30 जून को अबू सिद्दीकी के चाचा मोहसिन हलदर के घर से सोने के गहने चोरी हो गए। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। सोमवार 1 जुलाई को धोलाहट पुलिस ने मोहसिन हलदर और उसके भतीजे अबू सिद्दीकी को हिरासत में ले लिया।
आरोप है कि मोहसिन पर अपने भतीजे के खिलाफ चोरी की शिकायत दर्ज कराने का दबाव बनाया गया। इसके बाद अबू सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया गया और थाने में उसकी बार-बार पिटाई की गई।
उसे 4 जुलाई को काकद्वीप उपमंडल न्यायालय में पेश किया गया और जहां से उसे जमानत मिल गई। हालांकि, घर लौटने के बाद उसकी तबीयत खराब हो गई। उसे पहले गंभीर हालत में मथुरापुर अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई।
अबू सिद्दीकी की हालत बिगड़ने पर उन्हें कोलकाता के पार्क सर्कस इलाके के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार 8 जुलाई की रात करीब 10 बजे उनकी मौत हो गई।
अबू सिद्दीकी की मौत की खबर जैसे ही गांव में पहुंची तो तनाव का माहौल बन गया, जिसके बाद मंगलवार सुबह ढोलाहाट पुलिस स्टेशन के सामने ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन भी किया।
मृतक की मां तस्लीमा बीबी का कहना है कि पुलिस ने मेरे बेटे को चोरी के झूठे आरोप में उठाया और उसे पीट-पीटकर मार डाला। हमें न्याय चाहिए। मैं चाहती हूं कि पुलिस को सजा मिले।
इस घटना पर जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. कोटेश्वर राव ने ऑब्जर्वर पोस्ट को बताया कि अबू सिद्दीकी को जब कोर्ट में पेश किया गया तो उसे कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी। जिला पुलिस ने परिवार की शिकायत के आधार पर विभागीय जांच शुरू कर दी है।