उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार कर लिया है सभी पुराने चेहरों को हटाकर नए चेहरों को मंत्रीमंडल में जगह दी गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी रहें डाक्टर हर्षवर्धन सिंह एवं रविशंकर प्रसाद को भी बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
मंत्रीमंडल विस्तार के बाद से लगातार मोदी सरकार पर तंज कसे जा रहे है। लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिम्मेदारी से बचने के लिए अपने मोहरो की बली चढ़ा दी।
राष्ट्रीय लोकदल के नेता एवं एससी-एसटी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रशांत कन्नौजिया ने मंत्रीमंडल विस्तार पर तंज कसते हुए कहा है कि “डब्बे बदलने से क्या होगा जब इंजन ही कबाड़ है!”
डब्बे बदलने से क्या होगा जब इंजन ही कबाड़ है!
— Prashant Kanojia (@PJkanojia) July 7, 2021
प्रशांत कन्नौजिया के इस ट्विट पर डाक्टर चंद्रकान्ता ने पलटवार करते हुए कहा कि “और भाई उसका क्या जो रेल की पटरी ही सालो से खुदी पड़ी हो तब तो इंजन चलना तो दूर पटरी पर चढ़ाया ही ना गया हो वो बिचारा पटरी से दूर सिर्फ़ डब्बों को देख सकता हो”
और भाई उसका क्या जो रेल की पटरी ही सालो से खुदी पड़ी हो तब तो इंजन चलना तो दूर पटरी पर चढ़ाया ही ना गया हो वो बिचारा पटरी से दूर सिर्फ़ डब्बों को देख सकता हो 😳😳😁😁 https://t.co/c4IaOoYTH8
— Dr. Chandrakanta Mathur (@dr_chandrakanta) July 8, 2021
डाक्टर चंद्रकान्ता के इस ट्विट पर प्रशांत कन्नौजिया ने सटीक जवाब देते हुए कहा कि “दरअसल संघी मानसिकता के लोगों को लगता है कि 2014 के बाद से बिजली इजात हुई, गाड़ियों का अविष्कार हुआ, मोबाइल फ़ोन का अविष्कार हुआ। उससे पहले कबूतर से दूरसंचार तथा बैलगाड़ियों से सफर हुआ करता था। मोदी जी जब चड्डी पहनकर लाठी चलाना सीखते तब नेहरू ने आईआईटी, ऐम्स, आदि बनवा दिए थे।”
दरअसल संघी मानसिकता के लोगों को लगता है कि 2014 के बाद से बिजली इजात हुई, गाड़ियों का अविष्कार हुआ, मोबाइल फ़ोन का अविष्कार हुआ। उससे पहले कबूतर से दूरसंचार तथा बैलगाड़ियों से सफर हुआ करता था। मोदी जी जब चड्डी पहनकर लाठी चलाना सीखते तब नेहरू ने आईआईटी, ऐम्स, आदि बनवा दिए थे। https://t.co/FqsH6vDSWq
— Prashant Kanojia (@PJkanojia) July 8, 2021