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आनंद मंगनाले अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिकता पुरुस्कार से हुए सम्मानित, इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग के लिए मिला ICFJ हैंस स्टैगर अवार्ड

पत्रकार आनंद मंगनाले को पत्रकारिकता में उत्कृष्टता के लिए ICFJ हैंस स्टैगर इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग अवार्ड से सम्मानित किया गया। आनंद पिछले कुछ वर्षों से अंतराष्ट्रीय स्तर पर खोजी पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने अडानी के स्टॉक मैनिपुलेशन जैसी बड़ी स्टोरीज को ब्रेक किया है। आनंद OCCRP जो संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना है से जुड़े हुए हैं।

क्या है ICFJ अवार्ड?

पिछले साल इंटरनेशनल सेंटर फॉर जर्नलिस्ट्स (ICFJ) ने पत्रकारिता के क्षेत्र में बड़ी हस्ती हैंस ए. स्टैगर के सम्मान में एक खोजी रिपोर्टिंग पुरस्कार की शुरुआत करने की घोषणा की थी। हैंस ए. स्टैगर बीबीसी के लिए लंबे समय तक रिपोर्टर और संपादक रहे और उन्होंने अपने जीवन के दो दशक से अधिक समय दुनिया भर के साथी पत्रकारों की मदद करने में समर्पित किया था।

ICFJ के सलाहकार के रूप में, हैंस स्टैगर ने OCCRP के साथ भी मिलकर काम किया है। हंस स्टैगर इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग अवार्ड उन पत्रकारों द्वारा खोजी रिपोर्टिंग का समर्थन करने के लिए है जो OCCRP के वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा हैं।

क्या थी स्टोरी?

पुरुस्कार के विजेता आनंद मंगनाले के नेतृत्व में OCCRP ने भारत में बिजली कंपनियों को बेची जा रही कोयलों पर एक जांच किया। उस जांच के अनुसार, जिस कोयले को मूल रूप से निम्न-गुणवत्ता वाला माना गया था, उसे भारत में सरकारी बिजली कंपनी को अडानी के द्वारा उच्च-गुणवत्ता वाले कोयले के रूप में तिगुनी कीमत पर बेचा गया।

OCCRP ने जांच पर प्रकाश डालते हुए हाल ही में अपने न्यूजलेटर में लिखा था, “कथित अधिक मूल्य निर्धारण से न केवल आम भारतीयों पर ईंधन की बढ़ी हुई लागत का बोझ पड़ेगा।” “लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, निम्न गुणवत्ता वाले कोयले को जलाने से अधिक प्रदूषण भी होता है, जो 2019 में भारत में 1.6 मिलियन से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार एक अभिशाप है।”

जांच में उन आरोपों के समर्थन में नए सबूत मिले हैं कि विक्रेता, अडानी समूह, उच्च गुणवत्ता वाली दरों पर निम्न-श्रेणी का कोयला उपलब्ध करा रहा था। अधिकारियों ने पहले भी भारत के सबसे बड़े समूहों में से एक कंपनी की जांच की है, जिसमें अधिक कीमत वसूलने के आरोप हैं।

फाइनेंशियल टाइम्स, NBR आर्केडियो और OCCRP के साथी पत्रकार रवि नायर और प्रज्वल भट ने इसमें आनंद के साथ अतिरिक्त रिपोर्टिंग की है।

कौन हैं आनंद मंगनाले?

आनंद मंगनाले दक्षिण एशिया के लिए OCCRP के क्षेत्रीय संपादक हैं और हंस स्टैगर पुरस्कार के पहले विजेता हैं। आनंद को इस पुरुस्कार के तहत 5,000 डॉलर की आर्थिक सहायता भी मिलेगी। ICFJ के वेबसाइट के अनुसार, आनंद मंगनाले ने उनसे बात करते हुए कहा कि वह इस पुरस्कार के लिए बेहद आभारी हैं: “मैं हंस के साथ जुड़कर और सहयोगात्मक खोजी पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान से बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं।”

मंगनाले ने यह भी कहा की, “यह समर्थन मेरे लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आया है, और वो भी तब जब पत्रकारिता के मूल तत्व पर लगातार हमले हो रहे हैं।” “भारत में, मुख्यधारा का मीडिया काफी हद तक दुष्प्रचार का माध्यम बन गया है। यह पुरस्कार दिखाता है कि खोजी पत्रकारिता कितनी महत्वपूर्ण है – ऐसी पत्रकारिता जिसके लिए समय, समर्पित प्रयास और व्यापक भलाई के लिए जोखिम उठाने की इच्छा की आवश्यकता होती है। इस पुरस्कार ने मुझे ऐसी और भी कहानियाँ लिखने और शक्तिशाली और भ्रष्ट लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए प्रोत्साहित किया है।”

भारत में स्वतंत्र पत्रकारिकता के लिए उम्मीद

इस पुरुस्कार की खबर से खोजी और स्वतंत्र पत्रकारों में खुशी है। अवार्ड की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर आनंद को बधाई देने वाले लोगों का तांता लग गया है। अंतराष्ट्रीय पत्रकार पार्थ एम.एन ने जर्नो मिरर से बात करते हुए आनंद को बधाई दी। उन्होंने कहा कि “आनंद एक बहादुर पत्रकार हैं, जिन्होंने मोदी के भारत में बिना किसी डर या पक्षपात के अपना कर्तव्य निभाया है। यह भारतीय पत्रकार समुदाय के लिए बहुत गर्व की बात है और मैं उन्हें बधाई देता हूं।” इससे पहले पार्थ ने ट्वीट करके भी आनंद को बधाई दी थी। वहीं पत्रकार नील माधव ने हमसे बात करते हुए आनंद को बधाई देने के साथ कहा कि “आनंद को यह अवार्ड का मिलना भारत में स्वतंत्र पत्रकारिकता के लिए एक नया स्तंभ ही नहीं परंतु एक उम्मीद भी है। आनंद की यह महत्पूर्ण स्टोरी नए और उभरते हुए स्वतंत्र पत्रकारों के लिए एक सीख ही नहीं बल्कि प्रेरणास्रोत भी साबित होगी।”

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