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भीम आर्मी ने कलंक साफ किया,आज़ादी के बाद पहली बार जयपुर के विराटनगर में दलित दूल्हा घोड़ी पर चढ़ा

हिन्दुस्तान को आज़ाद हुए 74 वर्ष बीत चुके है लेकिन आज भी भारत में दलितों को बराबरी का स्थान नहीं मिल पाया है आज भी भारत के कई गांवो में दलितों को अछूत समझा जाता है।

उत्तर प्रदेश और राजस्थान के ऐसे बहुत सारे गाँव है जहा आज भी दलित समाज के लोगों को घोड़ी पर नही चढ़ने दिया जाता है। तथा गाँव में उनकी बारात को प्रवेश नही करने दिया जाता।

राजस्थान की राजधानी जयपुर का विराटनगर गाँव भी दलित विरोधी मानसिकता से ग्रसित था यहाँ पर आज़ादी के बाद से आज तक एक भी दलित दूल्हा घोड़ी पर नही चढ़ा था।

विराटनगर गाँव की यह खबर जब भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद (रावण) को पता चली तो उन्होंने इस कलंक को धोने की ठान ली।

चंद्रशेखर रावण ने दलित युवक एवं भीम आर्मी कार्यकर्ता विनोद की शादी के दिन इस कलंक को धोने का फैसला लिया।

विनोद की शादी वाले दिन विराटनगर गाँव में भीम आर्मी एवं आज़ाद समाज पार्टी के सैकड़ो कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में विनोद को घोड़ी पर चढ़ाकर तथा बारात को धूम-धाम के साथ गांव से निकालकर इस कलंक को धो दिया।

विनोद ने इस कलंक को खत्म करने पर ट्विट करते हुए कहाँ कि “में भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओ का बहुत धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने शुरू से लेकर अंत तक मेरा साथ दिया। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद जी के एक आह्वान पर पूरी राजस्थान की भीम आर्मी टीम मौजूद रही। मुझे गर्व है मै चंद्रशेखर आजाद जी की टीम से जुड़ा हूँ।

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने इस कलंक को धोने के बाद ट्विट करते हुए कहाँ कि “आज़ादी के बाद आज तक विराटनगर, जयपुर में दलितों को घोड़ी पर चढ़ने नहीं दिया गया था। आज भीम आर्मी एवं आज़ाद समाज पार्टी के साथियों ने इस कलंक को मिटा दिया। इस ऐतिहासिक अवसर पर, मैं राजस्थान की पूरी टीम को बधाई देना चाहता हूं। संविधान में दिए सभी अधिकारों को लागू करा कर ही रुकेंगे।”

भीम आर्मी एकता मिशन ने भी इस खबर पर खुशी जताते हुए कहाँ कि “भीम आर्मी के सभी कार्यकर्ता स्वाभिमानी है। जो जुल्म ज्यादती ब्रदाश्त नही करते है। अन्याय व गैरबराबरी के खिलाफ भीम आर्मी एक आगाज हैं। असमानता पर आधारित देश में लगी बहुत सी गंभीर बीमारियों का इलाज भीम आर्मी ही करेगी। जय भीम।”

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