उत्तराखंड में गुस्ताख ए नबी यति नरसिंहानंद के खिलाफ तहरीर देना भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मंडल अध्यक्ष को भारी पड़ गया, जिसकी क़ीमत उनको पार्टी से निष्कासित होकर चुकानी पड़ी।
आपको बता दें कि, रुड़की के झबरेड़ा ग्रामीण अल्पसंख्यक मोर्चा के मंडल अध्यक्ष तंज़ीम निज़ामी बीते दिनों गंगनहर कोतवाली के बाहर अपने कार्यकर्ताओं के साथ एकत्रित होकर यति नरसिंहानंद के खिलाफ ज्ञापन सौंपा था।
जिसमें तंज़ीम ने यति नरसिंहानंद द्वारा पैगंबर ए इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ गलत बयानबाजी का विरोध करते हुए कहा कि यति जैसे लोग समाज में वैमनस्य फैला रहे है, ऐसे लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए, जिससे कि देश व समाज का माहौल खराब ना हो सके।
आरोप है कि, इसी बात से नाराज़ होकर पार्टी ने तंज़ीम को निष्कासित कर दिया. तंज़ीम का कहना है कि, मुझ पर पार्टी ने तहरीर वापस लेने का बहुत दबाव डाला गया लेकिन में डटा रहा क्योंकि बात मेरे नबी की अजमत की थी।
भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष शेभाराम प्रजापति द्वारा ज़ारी निष्कासन पत्र में कहा गया है कि, तंज़ीम निज़ामी (मण्डल अध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा झबरेडा ग्रामीण) की पार्टी विरोधी गतिविधियो मे सम्मिलिता पाई गई है. अतः आपकी भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है और आपको पार्टी से निष्कासित किया जाता है।

इस पूरे मामले पर तंज़ीम निज़ामी का कहना है कि, मुहम्मद साहब की जात पर अगर कोई अभद्र टिप्पणी करता है, उनके जीवन पर उंगली उठाता है तो मेरे जैसा कमजोर ईमान वाला भी उसको बर्दाश्त नही कर सकता।
ऐसे हजार पदों को मैं जूती की नोक पर रखता हूं कि जिस पर रहते हुए मैं अपनी दीनी गैरत का इज़हार ना कर सकूं. पार्टी के जो पदाधिकारी इस मुद्दे पर मेरे कदम से कदम मिलाकर चलने की बात कर रहे थे, उन्होंने भी नबी की शान से ज्यादा पार्टी और पद को तरजीह दी लेकिन अल्हमदुलिल्लह मुझे इत्मीनान है मुझे पार्टी से निकाले जाने का कोई गम नही है।