तीनों कृषि कानूनों के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे किसानों पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा लगातार कुचलने की साज़िश की जा रही है।
हरियाणा के किसानों को डिप्टी स्पीकर का विरोध करना महंगा पड़ गया। पुलिस ने 100 किसानों पर देशद्रोह का केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस का आरोप है कि इन 100 किसानों ने हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणवीर गंगवा की सरकारी गाड़ी पर हमला किया था जिसमें गाड़ी को काफी नुकसान पहुंचा था।
डिप्टी स्पीकर की गाड़ी पर हमला करने के आरोप में पुलिस ने दो बड़े किसान नेता हरचरण सिंह और प्रह्लाद सिंह पर भी देशद्रोह का केस दर्ज किया। इनपर देशद्रोह की धारा के साथ-साथ मर्डर और सरकारी काम में बाधा बनने जैसी संगीन धाराएं भी लगाई है।
किसानों का कहना है कि हमने डिप्टी स्पीकर की गाड़ी को किसी भी प्रकार का नुकसान नही पहुंचाया है तथा हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण था यह किसान आंदोलन को कमज़ोर करने तथा कुचलने की साज़िश है।
आपको बता दे कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से देशद्रोह का केस खत्म करने का हुक्म दिया था। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि देशद्रोह का कानून अंग्रेजो ने बनाया था आज़ादी के बाद इस कानून की कोई ज़रूरत नही है।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या देशद्रोह कानून का गलत उपयोग करके सरकार किसान आंदोलन को दबाना चाहती है?