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दिल्ली दंगा: कड़कड़डूमा कोर्ट ने चार मुसलमानों को बाइज़्ज़त बरी किया, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने लड़ा था केस

दिल्ली दंगों के आरोप में कड़कड़डूमा कोर्ट ने बृजपुरी रोड और भगारती विहार में दंगा, लूटपाट और अवैध जमावड़े के आरोप में गिरफ़्तार चार आरोपियों को बाइज़्ज़त बरी कर दिया हैं।

ये चार व्यक्ति राशिद राजा, शाहरुख, शोएब उर्फ ​​​​छोटोवा और शाहनवाज हैं. इनके खिलाफ कोगलपुरी थाने में 85/20 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी और इन पर धारा 147, 148, 149, 380, 427 के तहत मामले दर्ज थे।

इस संबंध में दो चश्मदीद गवाह कोर्ट में पेश हुए, एक गवाह तो मुकर गया जबकि दूसरे गवाह ने एक अन्य मामले में चश्मदीद गवाह होने की बात स्वीकार की, जिसका उपरोक्त मामले से कोई लेना-देना नहीं है. कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में इनको बरी कर दिया।

शाहनवाज के अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद पिछले तीन साल से अदालत में तीनों आरोपियों की पैरवी कर रही है. वकील सलीम मलिक जमीयत उलेमा-ए- हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के निर्देश पर बचाव पक्ष के वकील हैं।

सलीम मलिक ने कहा कि जमीयत के प्रयासों के कारण ये लोग पहले ही जमानत पर बाहर हैं. जमीयत उलेमा-ए -हिंद के कानूनी मामलों की समिति के एक महत्वपूर्ण सदस्य मौलाना नियाज अहमद फारूकी ने कहा जमीयत दिल्ली दंगों से जुड़े 261 मुकदमे पैरवी कर रही है. इस से पूर्व जमीयत उलेमा-ए -हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी की देखरेख में पीड़ितों के पुनर्वास का काम भी बड़े पैमाने पर किया गया।

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