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लाल किला हिंसा के आरोपी दीप सिद्धू को जमानत मिल सकती है तो उमर खालीद और अन्य एक्टीविस्ट को क्यो नही मिल सकती

किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को दिल्ली एवं लाल किले पर हुई हिंसा के आरोपी अभिनेता दीप सिद्धू को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी है।

दीप सिद्ध पर आरोप था कि उसने दिल्ली में हुई हिंसा के लिए लोगों को उकसाया था तथा इसकी पहले से प्लानिंग की थी और जिस वक्त लाल किले पर भीड़ उत्पात मचा रही थी दीप सिद्ध वही मौजूद था तथा लोगों को भड़का रहा था।

अदालत का कहना है कि सिर्फ आवाज़ के सबूतों के साथ पुलिस दीप सिद्ध को हिरासत में नही रख सकती है। दीप सिद्ध को इससे पहले भी एक मामले में जमानत मिल चुकी है।

दीप सिद्ध ने रिहा होकर सीधे गुरूद्वारा रकाबगंज पहुंचकर मत्था टेका तथा उसके बाद वह अपने साथियों के साथ वहां से चला गया।

लोगों का कहना है कि जब दीप सिद्ध को जमानत मिल सकती है तो फिर उमर खालीद, खालीद सैफी, और अन्य एक्टिविस्टों को जमानत क्यो नही मिल सकती।

दिल्ली दंगों के आरोप में जितने भी मुस्लिम एक्टीविस्ट एवं अन्य छात्र नेता गिरफ्तार है उनमें से किसी के भी हिंसा वाले इलाकों में मौजूद रहने के सबूत नही है बल्कि दीप सिद्ध को लाल पर लोगो को भड़काते हुए देखा

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