भारतीय सरहदों की रक्षा करने के लिए जब जब अपने प्राण न्यौछावर करने की बारी आई हैं तब तब भारत के मुसलमानों के आगे बढ़कर अपने देश की रक्षा करते हुए शहादत को गले लगाया हैं।
जम्मू कश्मीर में तैनात राइफलमैन औरंगजेब और कांस्टेबल मुदस्सिर अहमद भी उन्हीं बहादुर सैनिकों में से हैं जो अपने देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे।
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इन दोनों की बहादुरी और साहस हो देखते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इन दोनों सैनिकों को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया हैं
अलग अलग ऑपरेशन में इन दोनों ने कुल 6 आतंकवादियों को शहीद किया हैं. जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री, 44 वीं बटालियन, राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात राइफलमैन औरंगजेब ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला में एक ऑपरेशन के दौरान एक घायल सैनिक को आतंकियों के चंगुल से सुरक्षित बाहर निकाला तथा अपनी टीम के साथ तीन आतंकवादियों को भी मार गिराय था।
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जम्मू और कश्मीर पुलिस में तैनात कांस्टेबल मुदस्सिर अहमद शेख ने बारामूला में एक ऑपरेशन के दौरान असाधारण साहस का प्रदर्शन करते हुए तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया तथा भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए।
इन दोनों के माता पिता ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर प्रधानमंत्री एवं अन्य मंत्रियों की मौजूदगी शौर्य चक्र प्राप्त किए।