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मध्यप्रदेश:- बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम दुकानदार को नंगा कर पीटा, ओवैसी ने दी चेतावनी

मौजूदा समय में भारत देश कोरोना वायरस के साथ साथ नफरत के वायरस का भी सामना कर रहा है। पिछले 4 दिनों में मुस्लिम समुदाय के साथ होने वाली ये दूसरी साम्प्रदायिक मारपीट की घटना है।

पिछले दिनों हरियाणा के मेवात में आसिफ नाम के एक नौजवान को हत्या कुछ हिन्दू कट्टरपंथियों ने कर दी थी।
अभी आसिफ का मामला ठंडा भी नही हुआ था कि एक और भाजपा शासित प्रदेश में साम्प्रदायिक हिंसा का मामला सामने आ गया है।

ताज़ा मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर का है। जबलपुर के अमखेरा रोड पर शेख मोहम्मद की मोबाइल की दुकान है। लॉकडाउन के कारण चोरी छुपे ही दुकान खोलते थे। पिछले रविवार जब वो दुकान गए तो एक महिला रिचार्ज करने के लिए शेख मोहम्मद के दुकान पर आगयी। चूंकि कर्फ्यू लगा था इसलिए पुलिस के डर से शेख मोहम्मद दुकान की शटर गिरा दिया।

इसी दरमियान वहां बजरंग के कार्यकर्ता आगये, शेख मोहम्मद की दुकान का शटर उठाकर महिला को निकाला और शेख मोहम्मद को मारने पीटने लगे।

तथाकथित बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शेख मोहम्मद के कपड़े फाड़ दिए और उन्हें नंगा कर पीटा। इतना ही नहीं उन्होंने शेख मोहम्मद को गंदी गंदी गालियां भी दी। उन लोगों ने शेख मोहम्मद को मारते हुए उनकी वीडियो भी बनाया और उसको सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

सोशल मीडिया पर उस महिला की भी एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें महिला खुद बता रही है कि वो शेख मोहम्मद के दुकान पर रिचार्ज करने गयी थी। किसी ने उसके साथ कुछ गलत काम नहीं किया है। महिला ने कहा “वो दुकान पर रिचार्ज करने गयी थी। तभी अचानक वहां एक भारी भीड़ आगयी। और वो दुकानदार शेख मोहम्मद को मारने पीटने लगी। पुलिस आकर हमलोगों को थाने लेकर गयी।”

इस पूरे मामले पर अब पुलिस का भी बयान सामने आया है। बजरंग दल कार्टीकर्ताओं पर कार्यवाही करने की बजाए पुलिस ने शेख मोहम्मद के खिलाफ लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में मुक़दमा दर्ज कर लिया है।

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर इस घटना की कड़ी आलोचना की है।

उन्होंने लिखा है “म.प्र के जबलपुर में, एक मुसलमान दुकानदार को कुछ हिंदुत्व उग्रवादी कायरों ने झुंड बनाकर घेरा और फिर उसके कपड़े उतार कर बेरहमी से मारा।झुंड ने उस पर एक महिला के साथ बदतमीज़ी करने का झूठा इल्ज़ाम लगाया लेकिन महिला ने बयान में कहा कि ऐसी कोई बदतमीज़ी नहीं हुई थी”

“पुलिस ने उन गुंडों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बजाय दुकानदार ही के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया।अगर लॉकडाउन का पालन न करने पर मामला दर्ज हुआ है, तो उन उग्रवादियों के खिलाफ मामला दर्ज क्यूँ नहीं हुआ? ”

“कोई भी सभ्य समाज ऐसे अपराधियों को पनाह नहीं दे सकता, एक सभ्य समाज में ऐसे लोग अभी तक जेल में होते और उनका सामाजिक बहिष्कार हो गया होता।”

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