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शिमला: अपनी जान जोखिम में डालकर भूस्खलन में फंसे लोगों को बचाने उतरा सलाउद्दीन बाबर खान नहीं रहें

मुसलमानों को शिमला से भगाने वाले हिंदुत्ववादी गुंडे आज अपने बिल में छुप गए हैं क्योंकि आज एक मुसलमान ने अपनी जान पर खेलकर भूस्खलन में फंसे लोगों को बचाने का प्रयास किया और अपनी जान गवां दी।

आपको बता दें कि, शिमला के फागली में बीते सोमवार को अचानक आए भूस्खलन में करीब पांच घर आ गए थे, जिसके बाद चारों तरफ़ सिर्फ़ चीख-पुकार ही सुनाई दे रहीं थीं. हर कोई मदद की गुहार लगा रहा था।

इस बीच इलाके में रहने वाले सलाउद्दीन बाबर खान भी अपनी जान की परवाह किए बगैर अपने छोटा भाई और अन्य लोगों को बचाने के लिए मलबे में उतर गए।

बाबर ने जैसे ही मलबे में दबे लोगों को मदद करने की कोशिश की, तभी अचानक दूसरा भूस्खलन आ गया और बाबर खान भी इसकी चपेट में आ गया।

दोपहर बाद बाबर का शव बरामद हुआ, जिसकी शिनाख्त इलाके के पूर्व पार्षद संजय सूद ने की. मदद के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर मलबे में उतरे बाबर की मौत ने हर किसी को हिलाकर रख दिया था।

बाबर खान के व्यक्तित्व से इलाके का हर शख्स प्रभावित था. बड़ों का सम्मान और छोटों को प्यार ही बाबर की पहचान थी. लोगों की हर वक्त मदद के लिए बाबर तैयार रहता था।

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