उत्तर प्रदेश में खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं कभी पुलिस एनकाउंटर कर रहीं हैं तो कभी आतंकी पुलिस की हिरासत में मौजूद लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला रहें हैं।
अतीक अहमद अपने बेटे के एनकाउंटर के सदमे से अभी बाहर भी नहीं निकले थे की तीन आतंकियों ने पुलिस की मौजूदगी में पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके भाई पूर्व विधायक अशरफ अहमद की खुलेआम गोलियां बरसाकर हत्या कर दी।
हत्या के इरादे से आए आतंकियों ने जब दोनों को मौत के घाट उतार दिया तो तेज़ आवाज़ में जय श्रीराम के नारे भी लगाए. तीनों आतंकियों की पहचान लवलेश तिवारी (बांदा), सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज) के रुप में की गई है।
मौका ए वारदात पर मौजूद चश्मदीद लोगों ने अतीक और अशरफ की हत्या का आरोप पुलिस पर लगाते हुए कहा कि, आतंकी तीन नहीं चार थे।
एक शख्स ने आजतक को बताया कि, यहां पर सबसे पहले पुलिसवाले आए और सबको हटाया, रास्ता साफ होने के बाद दो गाड़ी इधर से आई और दो गाड़ी उधर से आई. इनसे अतीक और अशरफ आए थे, एक गाड़ी में से चार लड़के निकले, पुलिसवाले चारों लड़कों को गेट के अंदर ले गए, जैसे ही अतीक और अशरफ गेट से अंदर गए वैसे ही गोलियां चलने लगीं।
एक अन्य शख्स का दावा है कि, चारो लड़के पुलिस की गाड़ी से उतरे थे उनके पास प्रेस के आईकार्ड थे, उन्होंने गोली मारनी शुरू कर दी, पुलिसवाले उन्हें कवर किए हुए थे।
इन चश्मदीदो की माने तो इस हमले के पीछे पुलिस और बड़े अधिकारियों की मिली भगत नज़र आ रही हैं हालांकि जांच अभी ज़ारी हैं सच्चाई क्या वह धीरे धीरे ही पता चल पाएगा।