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यूक्रेन में फसे भारतीय छात्रों को वापिस लाने के लिए NSUI ने किया विदेश मंत्रालय का घेराव

महिनों से चले आ रहे रूस यूक्रेन विवाद पर विश्वभर में चर्चा तब और शुरू हो गई जब कल रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया।

ऐसे में वहां रह रहे भारतीय व पढ़ाई कर रहे छात्रों की फिक्र भी देशभर के लोगों को सता रही है, सोशल मिडिया पर भारतीय छात्रों के मदद वाले विडियो भी शेयर किए जा रहे है व सरकार से मदद की गुहार की जा रही है।

NSUI ने गुरूवार शाम विदेश मंत्रालय का घेराव कर सरकार से सक्रियता से यूक्रेन में काम कर रहे युवाओं और छात्रों को वापिस लाने की बात कही, इस दौरान NSUI के राष्ट्रीय महासचिव विशाल चौधरी, दिल्ली प्रभारी नीतिश गौड़ व राष्ट्रीय सचिव अविनाश यादव की पुलिस से कहा सुनी भी हुई, राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने ट्वीट कर कहा है कि अभी प्रधानमंत्री खुद उत्तरप्रदेश चुनाव में फंसे है वहां से निकलने के बाद यूक्रेन में रह रहे भारतीय व छात्रों की सुध लेंगे।

नीरज कुंदन ने कहा कि पिछले 10 दिन से यूक्रेन में युद्ध की संभावनाएं बन रही है और माता पिता चिंता में इस बात को उठा भी रहे है, सरकार ने उनकी बात को कितना सुना ?

मीडिया में जारी प्रेस ब्यान में नीरज ने कहा कि छात्र यूक्रेन में वैसे भी लोन लेकर पढ़ाई कर रहे है ऐसे में 1-1 लाख रूपए की हवाई यात्रा का खर्चा वो कैसे उठाएंगे, सरकार अगर उनकी मदद नही कर सकती तो ऐसे सभी छात्रों को वापिस लाने के खर्च को NSUI उठाने के लिए तैयार है,

नीरज ने कहा कि हम सरकार की हर संभव मदद करने के लिए तैयार है पर उसके लिए सरकार के साथ पूरी NSUI व कांग्रेस खड़ी है।

इस बीच भारत सरकार ने वहां रह रहे भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी कर कहा है कि सभी लोग अपने अपने सुरक्षित ठिकाने पर रूके व अगली एडवाइजरी का इंतजार करें।

NSUI दिल्ली के अध्यक्ष कुणाल सेहरावत ने कहा कि जो छात्र वहां फंसे है उनके लिए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर तो जारी किए है पर मदद अभी तक नही कर पाई है, सरकार को बताना चाहिए कि जो माता पिता सरकार से मदद की गुहार कर रहे है व जिन छात्रों ने हेल्पलाइन पर मदद मांगी है सरकार ने उनके लिए क्या किया है ?

NSUI ने छात्रों को लाने में हर संभव मदद की पेशकश की है व कहा है कि सरकार अगर इन छात्रों को वापिस लाने का खर्च नही उठा सकती तो NSUI इस खर्चे को उठाने के लिए तैयार है।

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