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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर अमेरिका में बोला झूठ, बोले- भारत में किसी के भी साथ भेदभाव नही हो रहा

अमेरिका की राजकीय यात्रा पर गए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्पसंख्यकों के मुद्दे को लेकर अमेरिकी मीडिया के सामने बहुत बड़ा झूठ बोला है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि, भारत में अल्पसंख्यकों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं हैं।

मुसलमान और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव एंव लोकतंत्र पर एक पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, लोकतंत्र हमारी रगों में है, हमारे यहां जाति, पंथ एवं धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं है. हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के सिद्धांत पर चलती है और भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में कोई भेदभाव नहीं हैं।

लेकिन प्रधानमंत्री के इस दावे में बिलकुल भी सच्चाई नज़र नहीं आती, क्योंकि जब हम उमर खालिद, शरजील इमाम, खालिद सैफी, मीरान हैदर जैसे सैकड़ों मुस्लिम छात्र नेताओं और सोशल एक्टिविस्ट की तरफ़ देखते हैं तो पता चलता हैं कि इनको सिर्फ़ मुसलमान होने के कारण प्रताड़ित किया जा रहा हैं।

जबकि खुलेआम गोली चलाने वाले राम भक्त गोपाल, कपिल गुर्जर, गाय के नाम पर मुस्लिमों की हत्या के आरोपी मोनू मानेसर और गोली मारो की धमकी देने वाले बहुसंख्यक नेता अनुराग ठाकुर जैसे लोग खुलेआम घूम रहें हैं।

अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव नही होने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री के मंत्रीमंडल में एक भी मंत्री मुसलमान नहीं हैं, उनकी पार्टी से एक भी सांसद मुसलमान नहीं हैं, उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से किसी पर भी उनकी पार्टी मुसलमान को टिकट नहीं देती हैं।

इसी प्रकार भारत में लोकतंत्र की बात करने वाले प्रधानमंत्री यह भूल जाते हैं कि अलोकतांत्रिक तरीके से मुसलमानों के घरों पर बुलडोजर चलाने का कार्य भी उनकी सरकार में ही हो रहा हैं।

पुलिस की सुरक्षा में खुलेआम पूर्व मुस्लिम सांसद एवं पूर्व विधायक की हत्या भी उन्हीं के शासन में हुई हैं, लव जिहाद के नाम पर उत्तरकाशी से मुसलमानों का पलायन भी मोदी जी के ही राज में हो रहा हैं।

हर साल डेमोक्रेसी को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी करने वाली इकनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट यानी EIU के मुताबिक 2014 के बाद से भारत के डेमोक्रेसी इंडेक्स में लगातार गिरावट दर्ज की जा रहीं है. 2014 में भारत की रैंकिंग 27 थी, वहीं EIU की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत डेमोक्रेसी इंडेक्स में 46वें पायदान पर है।

स्वीडिश संस्था V-Dem भी हर साल डेमोक्रेसी को लेकर अपनी एक रिपोर्ट जारी करती है. 2022 में जारी इस रिपोर्ट में भारत को दुनिया के 10 निरंकुश देशों की लिस्ट में शामिल किया गया है।

लेकिन इस सबके के बावजूद भी प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका में खड़े होकर बड़ी चालाकी से झूठ बोल देते हैं और उनके समर्थक खुश हो जाते हैं।

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