मुसलमान और इस्लाम धर्म के खिलाए नफ़रत फैलाने वाले यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी के विरोध में हरिद्वार में संतों ने सम्मेलन का आयोजन किया।
इस अयोजन में सैकड़ों की तादाद में साधु, संत एवं हिन्दू धर्म गुरु एकत्रित हुए जिनमें से कुछ ने विडियो कांफ्रेसिंग के ज़रिए भी भाग लिया. तथा सभी ने यति नरसिंहानंद की रिहाई की मांग की।
संतों ने हिंदुओं से अपील करते हुए कहा कि, अगर देश को इस्लाम मुक्त करना हैं तथा भारत से इस्लाम को हटाना हैं तो प्रतिकार करना आज से ही शुरु करना होगा।
संतों का कहना है कि “बाबा (यति नरसिंहानंद) को वामपंथियों ने प्लानिंग करके जेल भिजवाया हैं. वामपंथियों से इनका इशारा असदुद्दीन ओवैसी की तरफ़ था।”
विडियो कांफ्रेसिंग के ज़रिए यति नरसिंघानंद के समर्थन में जुड़े एक अन्य संत का कहना हैं कि “जब तक चुनाव आचार संहिता नहीं थी तब तक यति महाराज आज तक गिरफ्तार नहीं हुए थे. लेकिन जैसे ही ब्यूरोक्रैट्स के हाथ में सत्ता आई हैं तब से ही ब्यूरोक्रेसी में बैठे वामपंथियों ने षड्यंत्र रच कर बाबा को जेल भिजवाया हैं. योगी जी और मोदी जी तो यति जी को बहुत प्यार करते हैं. इसलिए ये षड्यंत्र ब्यूरोक्रेसी और चुनाव आयोग का हैं।”
सोशल एक्टिविस्ट कासिफ अर्सलान के अनुसार “हरिद्वार में यति नरसिंहनंद के समर्थन में किया गया हवन जहाँ मुसलमानों को दुनिया से खत्म करने के लिए हिंदुओं को प्रतिकार करना होगा, बाबा ने बताया के मोदी और योगी नरसिंहनंद से बहुत प्यार करते हैं इस लिए वो अब तक जेल नही गए थे, जब राष्ट्रपति शासन लगा तब नरसिंहनंद की गिरफ्तारी हुई।”
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