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नियमित वेतन वाली नौकरियों में 6.8 फ़ीसदी गिरी मुसलमानों की हिस्सेदारी: रिपोर्ट

नवीनतम वार्षिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) ने नियमित वेतन वाली नौकरियों के ताज़ा आंकड़े ज़ारी किए है, जो अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के लिए काफ़ी चिंताजनक है।

पीएलएफएस के अनुसार वेतन रोजगार वाले श्रमिकों का प्रतिशत 2018-19 में 23.8% से गिरकर 2022-23 में 20.9% हो गया है।

नियमित वेतन रोजगार में गिरावट ने हिंदू आबादी की तुलना में मुस्लिम, ईसाई और सिख जैसे धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों को असंगत रूप से प्रभावित किया है।

पिछले पांच वर्षों में मुसलमानों ने सबसे बड़ी गिरावट का अनुभव किया है, 2018-19 में 22.1% मुस्लिम श्रमिकों के पास वेतन रोजगार था, लेकिन 2022-23 में यह आंकड़ा गिरकर 15.3% हो गया, जो 6.8 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है।

इसी प्रकार ईसाई समुदाय में 3.2 प्रतिशत अंक की गिरावट देखी गई और सिख समुदाय में 2.5 प्रतिशत अंकों की गिरावट देखी गई हैं।

बाथ विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर संतोष मेहरोत्रा नियमित वेतन वाली नौकरियों में गिरावट का श्रेय कोविड-19 के प्रभाव और महामारी के बाद की दुनिया में काम की गुणवत्ता में गिरावट को देते हैं, जो विशेष रूप से मुसलमानों को काफ़ी प्रभावित कर रही है।

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