छत्तीसगढ़ के बस्तर में बीते दिनों सुरक्षाबलों ने ग्रामीणों की भीड़ पर फायरिंग की थी जिसमें 3 ग्रमीण मारे गए।
ग्रामीण कई दिनो से सुरक्षाबलों के कैंप का विरोध कर रहे थे सोमवार को सभी ग्रामीण इकट्ठा होकर प्रदर्शन करने लगें जिनके ऊपर सुरक्षाबलों ने गोलियां चला दी जिसमें 3 ग्रामीण मारे गए।
बस्तर आइजी पी सुंदरराज का कहना है कि दोपहर दो बजे जिले के जगरगुंडा थाना क्षेत्र स्थित सिलगेर कैंप पर ग्रामीणों की भीड़ की आड़ में कुछ नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के कैंप पर हमला कर दिया। इस दौरान हुई फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई।
आदिवासी नेता एवं विधायक छोटूभाई वसावा ने बस्तर गोलीकांड पर कड़ा विरोध करते हुए कहाँ है कि “जिस तरह निर्दोष मुसलमानो को आतंकवादियों के नाम पर मारा जाता हैं वैसे ही बस्तर ( छतीसगढ़ ) के आदीवासी किसानों को नक्सलवादी बताकर उनकी हत्या की जाती है”।
जिस तरह निर्दोष मुसलमानो को आतंकवादियों के नाम पर मारा जाता हैं
वैसे ही बस्तर ( छतीसगढ़ ) के आदीवासी किसानों को नक्सलवादी बताकर
उनकी हत्या की जाती है #बस्तर_में_नरसंहार_बंद_हो— Chhotubhai Vasava (@Chhotu_Vasava) May 19, 2021
छोटूभाई वसावा के अनुसार “सिलेगर हत्याकांड में 3 किसानों की हत्या हुए 3 दिन हो गए लेकिन देश भर की नेशनल मीडिया में इस मुद्दे पर खामोशी है। अगर गाय काट दी होती या किसी को घोड़ी से उतार दिया जाता तो बवाल मच जाता लेकिन गाँव के किसान मरे है इसलिए सब खामोश है।
छोटूभाई वसावा लगातार सोशल मीडिया के जरिए बस्तर के किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए आवाज़ बुलंद कर रहे है तथा ट्वीटर पर #बस्तरमेंनरसंहारबंदहो ट्रेड करवा रहे है।