कुरान के पाक की बेअदबी के मुद्दे पर पूरी दुनियां के इस्लामिक राष्ट्र एकजुट हों चुके हैं, संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) में कई मुस्लिम देशों ने आवाज़ बुलंद की हैं।
बीते मंगलवार को यूनाइटेड नेशन को संबोधित करते हुए मुस्लिम नेताओं ने कुरान ए पाक को जलाने की इज़ाजत देने वाले पश्चिमी देशों की निंदा करते हुए कहा कि, यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत नही आता हैं।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यब एर्दोगन ने कहा कि पश्चिमी देशों में इस्लामोफोबिया सहित नस्लवाद को उभरते हुए देखा जा रहा।
जो मानसिकता यूरोप में पवित्र कुरान के खिलाफ घृणित हमलों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में अनुमति देकर प्रोत्साहित करती है, वह मूल रूप से अपने हाथों से यूरोप के भविष्य को अंधकार में डाल रही है।
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा कि, पश्चिमी देशों में इस्लामोफोबिया और सांस्कृतिक रंगभेद देखा गया हैं जो पवित्र कुरान के अपमान से लेकर स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध तक के कार्यों से स्पष्ट होता है।
कतर के अमीर ने अपने भाषण में कहा कि जानबूझकर दूसरों की पवित्रता से समझौता करने को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
सभी नेताओं ने दो टूक अंदाज में कहा कि मुसलमान कुरान ए पाक की बेअदबी को अब बर्दाश्त नहीं करेंगे, यूनाइटेड नेशन को इस तरह का सिलसिला रोकने के लिए फौरी तौर पर कोई कदम उठाना होगा।