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राघोपुर में 6 साल पहले 16.39 लाख की लागत से बना स्वास्थय केन्द्र कोरोना काल में भी बंद पड़ा है,टीपू सुल्तान पार्टी ने खोलने की मांग की

देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार फैलता ही जा रहा है गांवो में हालात बद से बदतर होते जा रहे है। गावों में कोविड-19 टेस्टिंग नही होने के कारण असली आकड़े सामने नही आ रहे है।

बिहार के गावों में लगातार कोरोना वायरस के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। स्वास्थय वयवस्था के नाम पर यहाँ सिर्फ धोखा है अस्पताल खंडर हो चुके है।

इस सब के बावजूद भी बिहार सरकार स्वास्थय वयवस्था को सुधारने के लिए कोई कदम नही उठा रही है। राघोपुर में 6 साल पहले बनें स्वास्थय केन्द्र को आजतक भी डाक्टर नही मिल पाए है।

राघोपुर के पूर्वी पंचायत नजरा महमदा गाँव में वर्ष 2014 में 16 लाख 39 हज़ार की लागत से बना स्वास्थय केन्द्र आज भी डाक्टरों के लिए तरस रहा है।

टीपू सुल्तान पार्टी (TSP) ने बिहार के स्वास्थय मंत्री मंगल पांडे से राघोपुर के स्वास्थय केन्द्र को जल्द से जल्द खोलने का अनुरोध किया है।

टीपू सुल्तान पार्टी ने ट्वीटर के जरिए बिहार के स्वास्थय मंत्री मंगल पांडे को स्वास्थय केन्द्र से अवगत कराते हुए कहाँ है कि “राघोपुर पूर्वी पंचायत नजर मोहम्मद आबाद में यह स्वास्थ्य उपकेंद्र जब से बना है, आज तक नहीं खुला। इस गांव की आबादी 15000 है।”

https://twitter.com/TSP4India/status/1397123936521842691?s=19

कोरोना काल में जब स्वास्थय वयवस्था का दिवाला निकल चुका है ऐसे समय में 15 हज़ार की आबादी में बने स्वास्थय केन्द्र को बंद रखना सरकार की नाकामी का सबसे बड़ा उदाहरण है।

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