जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में बुधवार रात ‘स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज’ (SSS) की जनरल बॉडी मीटिंग (GBM) के दौरान एबीवीपी से जुड़े छात्रों द्वारा हिंसा और तोड़फोड़ की गंभीर घटनाएं सामने आई हैं।
जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) के अध्यक्ष नितीश कुमार पर हमला किया गया और उन्हें एक घंटे से अधिक समय तक बंधक बनाकर रखा गया।
जानकारी के अनुसार, एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने ‘स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज’ में चुनाव समिति (Election Committee) के गठन की प्रक्रिया को घंटों तक रोककर रखा। जब मीटिंग स्थगित की गई, तो बाहर निकलते समय एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष नितीश कुमार को घेर लिया और उन पर हमला कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नितीश कुमार को कई बार पीटा गया और उनका कुर्ता तक फाड़ दिया गया। इसी दौरान छात्रसंघ की उपाध्यक्ष और महासचिव को भी गालियां दी गईं। बताया जा रहा है कि हमलावरों ने जातिवादी, लिंगभेदी, विकलांगताविरोधी, और इस्लामोफोबिक टिप्पणियां भी कीं।
सूत्रों के अनुसार, वसंत कुंज थाने के एसएचओ के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी, लेकिन उन्होंने न तो किसी हमलावर को रोका और न ही छात्र नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की। जेएनयू छात्रसंघ ने आरोप लगाया कि पुलिस “मूक दर्शक” बनी रही।
घटना में एसएसएस काउंसलर राजत मंडल को भी पीटा गया, जबकि एसएसएस काउंसलर दानिश ताक़ो को जान से मारने की धमकी दी गई।
जेएनयू छात्रसंघ ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि—
“एबीवीपी ने एक बार फिर हिंसा का सहारा लेकर छात्रसंघ चुनावों को रोकने की कोशिश की है। यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर सीधा हमला है। जेएनयू चुनावों को संघी गुंडों की जातिवादी और सांप्रदायिक राजनीति का बंधक नहीं बनने दिया जाएगा।”
इस घटना ने जेएनयू परिसर में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। छात्र संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जेएनयू परिसर में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

