कलीमुल हफीज़ का कहना हैं कि मुर्तद और मलऊन वसीम रिज़वी को गिरफ्तार करके फौरन जेल भेजा जाए. कहीं ऐसा ना हो कि कोई जान निसारे रसूल कानून अपने हाथ में ले और गुस्ताख़ ए रसूल को नुक़सान पहुंचा दें. हुकूमत की ज़िम्मेदारी है कि वह मुसलमानों के जज़्बातों को मजरूह करने वालों की सरपरस्ती करना बंद करें।
कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि सल्लम हमारा ईमान भी है और जान भी. मुसलमान ज़मीन पर सबसे ज्यादा अगर मोहब्बत करता है तो अपने नबी सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम से करता है. हम सब कुछ बर्दाश्त कर सकते हैं लेकिन अपने रसूल की तौहीन बर्दाश्त नहीं कर सकते. सिर्फ मुसलमान ही नहीं कोई भी क़ौम अपने पैगंबर और महापुरुषों का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती और ना करना चाहिए. किसी को भी यह हक़ नहीं कि किसी के धर्मगुरु की शान में गुस्ताखी करें.
मजलिस अध्यक्ष ने कहा कि मौजूदा सरकार मुसलमानों को तकलीफ़ और दुख पहुंचाने वालों की सरपरस्ती कर रहीं है, इसलिए मुजरिमों के हौसले बुलंद है. हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम सारी इंसानियत के पैगंबर है हुकूमत को चाहिए कि वह वसीम रिज़वी को गिरफ्तार करें और जेल भेजे वसीम की असल जगह जेल ही है. उसने क़ानून के ख़िलाफ़ अमल किया है।
कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि हर शख़्स को अपनी पसंद का मज़हब अपनाने का इख़्तेयार है वसीम सनातन धर्म अपना सकते हैं. मगर किसी को हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम की शान में गुस्ताखी करने का हक़ नहीं है. भारत के कानून के अनुसार भी जुर्म है।
पुलिस को क़ानून के अनुसार अपने लोगों को सजा दिलानी चाहिए. यह लोग देश की अखंडता के लिए खतरा हैं इन पर देश से गद्दारी के मुक़दमे क़ायम होने चाहिए।
आपको बता दें कि वसीम रिज़वी ने हाल ही में पैग़म्बर-ए-इस्लाम के बारे में एक किताब लिखकर उसमे अपमानजनक बाते लिखीं हैं. तथा उसमें मुसलमानो के खिलाफ नफ़रत फैलाई गई हैं।