गाय के नाम पर और मुस्लिम पहचान के कारण बेकसूर मुसलमानों की मॉब लिंचिंग के बाद अब मुसलमानों के नमाज़ पढ़ने पर भी हिंदुत्ववादी संगठन आपत्ति जता रहे हैं।
गुरुग्राम में पिछले 2 महिने से तथाकथित हिंदुत्ववादी संगठन के लोग पार्कों में जुम्मा की नमाज़ पढ़ने का विरोध कर रहें हैं।
गुरुग्राम में मस्जिद कम होने की वजह से मुस्लिम समुदाय के लोग जुम्मा की नमाज़ पार्क में अदा करते हैं. जिसके लिए बकायदा प्रशासन से मंजूरी भी ली जाती हैं।
लेकिन हिंदुत्ववादी संगठन के लोग पिछले 2 महीने से पार्क के बाहर एकत्रित होकर नमाज़ का विरोध करते हैं। तथा धार्मिक नारे लगाते हैं।
पत्रकार श्याम मीरा सिंह का कहना है कि “सड़कों पर कावड़ यात्रा निकलती है, गिरिराज परिक्रमा, 84 कोस परिक्रमा लगती है, भागवत कथा निकलती है, भंडारे लगते हैं और लगने भी चाहिए, इस काम के लिए किसी दूसरे देश थोड़े ही न जाएँगे. लेकिन जैसे हिंदुओं का इस देश के संसाधनों पर अधिकार है वैसे ही मुसलमानों का है, नमाज़ पढ़ने का भी.”
सड़कों पर कावड़ यात्रा निकलती है, गिरिराज परिक्रमा, 84 कोस परिक्रमा लगती है, भागवत कथा निकलती है, भंडारे लगते हैं और लगने भी चाहिए, इस काम के लिए किसी दूसरे देश थोड़े ही न जाएँगे. लेकिन जैसे हिंदुओं का इस देश के संसाधनों पर अधिकार है वैसे ही मुसलमानों का है, नमाज़ पढ़ने का भी.
— Shyam Meera Singh (@ShyamMeeraSingh) October 31, 2021
श्याम मीरा सिंह के अनुसार हिंदुस्तान पर सभी धर्मों का बराबर हक हैं, और सभी धर्मो के लोगों को अपनें धार्मिक कार्यों को भी करने की पूरी आज़ादी हैं. जुम्मे की नमाज़ का विरोध गलत हैं।