मुसलमान अगर कोई भी जुर्म करें तो आजकल एक नए ट्रेंड चला हैं, जिसके तहत मुसलमानों की संपत्ति जब्त कर ली जाती हैं या फिर उनके घर तोड़ दिए जाते हैं।
मध्य प्रदेश में भी ऐसी ही घटना सामने आई हैं. पुलिस और नगर निगम ने मिलकर 6 मुस्लिम परिवारों के घर तोड़कर उनको बेघर कर दिया।
पुलिस और नगर निगम पर आरोप हैं कि उन्होंने बेकसूर मुसलमानों पर भी कार्यवाही की हैं. जिसके कारण गरीब मुसलमानों के सर से छत छीन ली गई हैं।
पत्रकार कासिफ काकवी के अनुसार “मामला मध्य प्रदेश के खंडवा का हैं. जहां पुलिस और नगर निगम ने 6 मुस्लिमो के घर तोड़े. इल्ज़ाम था कि उनमें से 4 आदतन अपराधी है जिनका नाम हाल में दो समुदाय के बीच हुई पत्थरबाज़ी की घटना में भी शामिल है. बाकी दो घर क्यों तोड़े गए इसका जवाब किसी के पास नहीं और जिनके घर तोड़े गए हैं वह लोग बहुत गरीब हैं।”
कल MP के खंडवा में पुलिस/नगर निगम ने 6 मुस्लिमो के घर तोड़े। इल्ज़ाम था कि उनमें से 4 आदतन अपराधी है जिनका नाम हाल में दो समुदाय के बीच हुई पत्थरबाज़ी की घटना में भी शामिल है।
बाकी दो घर क्यों तोड़े गए इसका जवाब किसी के पास नहीं और वो निहायत गरीब हैं। @DGP_MP @DM_Khandwa pic.twitter.com/xQ7MmCTLH0
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) December 1, 2021
पीड़ित जुबैदा बी के पति की मौत 19 साल पहले हुई थी. उनकी 1 बेटी है जो टयूशन पढ़ाती है, और एक बेटा है जो दुकान पर काम करता है. उनका घर बिना नोटिस और बिना वजह के तोड़ दिया गया।
दूसरा घर लईक खान का तोड़ा गया है. इनका घर बिना नोटिस और बिना वजह तोड़ा गया हैं. इनके परिवार मे कुल 7 लोग है. इनका कहना है कि “उनके सर से बिना वजह छत छीन ली गई।”
कासिफ ककवी का कहना है कि “आख़िर सरकार और पुलिस को जवाब देना चाहिए की बेगुनाहों के घर क्यों तोड़े जा रहें? अगर इसको पुलिस और नगर निगम की एकतरफा कारवाई ना कही जाए तो क्या कहा जाए? क्या अब देश मे कोर्ट की ज़रूरत नही है?”