अहमदाबाद: साबरमती सेंट्रल जेल में कैद क़मर ग़नी उस्मानी ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले और नफरत फैलाने वाले अपराधियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
क़मर ग़नी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे एक पत्र में इस मुद्दे को उठाते हुए जेल प्रशासन और एटीएस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उनका कहना है कि एटीएस के दबाव में उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है और उन्हें उचित चिकित्सा सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं।
क़मर ग़नी उस्मानी का आरोप है कि पिछले दस वर्षों से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले अपराधी खुलेआम गुस्ताखियां कर रहे हैं। उन्होंने यति नरसिंहानंद, पिंकी चौधरी, टी राजा, और नूपुर शर्मा जैसे लोगों का नाम लेते हुए कहा कि इनके खिलाफ दर्जनों एफआईआर और सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेशों के बावजूद इन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता, और अगर गिरफ्तार किया भी जाता है, तो हल्की धाराओं में, जिससे ये जल्दी छूट जाते हैं। वहीं, इनके खिलाफ आवाज उठाने वालों को फर्जी मुकदमों में फंसा दिया जाता है और उनके घरों पर बुलडोज़र तक चलवा दिया जाता है।
मौलाना उस्मानी ने अपने पत्र में बताया कि उन्हें पिछले तीन साल से झूठे मुकदमे में जेल में रखा गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन और एटीएस मिलकर उनके साथ ज्यादतियां कर रहे हैं। उनके अनुसार, 116 दिनों तक उन्हें खोली में बंद रखा गया और चिकित्सा सुविधाओं से वंचित किया गया।
उन्होंने बताया कि उन्हें पैरोल के लिए भी गलत रिपोर्ट भेजी जा रही है, जिससे उनका इलाज संभव नहीं हो पा रहा।
उन्होंने यह भी कहा कि उनके दोनों पैरों और एक हाथ में चर्बी की गांठ है, जिसके कारण चलना-फिरना मुश्किल हो गया है। जेल में नमाज पढ़ने के लिए कुर्सी तक नहीं दी जा रही, और टूटी हुई टॉयलेट चेयर पर बैठकर उन्हें नमाज अदा करनी पड़ रही है।
मौलाना क़मर ग़नी ने अपने पत्र में 18 जनवरी को हरिद्वार कुंभ में आयोजित यति नरसिंहानंद और उनके साथियों के भाषणों का जिक्र करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन समाज में जहर घोलने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कुंभ मेले में 27 जनवरी को धर्म संसद का आयोजन किया गया है, जिसमें फिर से इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक बयानबाजी की जाएगी।
उन्होंने इस खबर से व्यथित होकर 20 जनवरी को माइनर हार्ट अटैक आने की बात कही और अब 23 जनवरी 2025 से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने ऐलान किया कि जब तक इन अपराधियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी और इस दौरान वे कोई भी चिकित्सा सहायता नहीं लेंगे।
मौलाना क़मर ग़नी उस्मानी ने राष्ट्रपति से अपने पत्र में गुजारिश की है कि देश में अमन-चैन कायम रखने के लिए धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले अपराधियों पर सख्त धाराओं जैसे UAPA और NSA के तहत कार्रवाई की जाए। उन्होंने इस संबंध में अपने विशेषाधिकारों का उपयोग करते हुए इंसाफ की मांग की है।
मौलाना क़मर ग़नी ने अपने पत्र में मुसलमानों के साथ-साथ सभी इंसाफ पसंद भारतीय नागरिकों से भी अपील की है कि वे उनकी जायज मांगों का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि देश में शांति और न्याय को बहाल करने की लड़ाई है।