देशभर में बढ़ती नफ़रत को देखते हुए मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर नफरती भाषणों पर रोक लगाने की मांग की हैं।
यह पत्र भारत की जानी मानी मुस्लिम शख्सियतों ने लिखा हैं जिनमें नजीब जंग, एसवाई. कुरैशी, शाहिद सिद्दीकी, ले.जनरल जेडयू शाह, सईद शेरवानी शामिल हैं।
पत्र में मुख्य रुप से मुसलमानों के प्रति बढ़ते हुए हेट क्राइम और नफरती भाषणों का ज़िक्र किया गया है. जिसमें कहा गया हैं कि, मुसलमानों पर अधिकांश हमले पुलिस की मौजूदगी में किए जाते हैं, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं होती. ऐसा करने वालों को आसानी से छोड़ दिया जाता है. इससे मुसलमानों में काफ़ी ज्यादा गुस्सा है।
राष्ट्र निर्माण में आरएसएस के योगदान का ज़िक्र करते हुए लिखा है कि, संघ राष्ट्र निर्माण के लिए पूरी शिद्दत से प्रयास कर रहा है. लेकिन इसमें हमारी भागीदारी नहीं होगी तो फिर राष्ट्र निर्माण कैसे संभव होगा? भारत में 20 फ़ीसदी अल्पसंख्यक हैं।
महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में अयोजित मुस्लिम विरोधी रैलियों का जिक्र करते हुए लिखा है कि, यहां मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे भाषण, नरसंहार और हिंसा का आह्वान किया जाता है. लेकीन उन पर कोई कार्यवाही नहीं होती।