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लॉकडाउन में शादी रोकने का ये पहला मामला तो नहीं, फिर DM शैलेश यादव पर हंगामा क्यूँ? मामला जाति का है!

कोरोना वायरस संक्रमण अब थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। ऐसे में हम सबों को और अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इसके मद्देनजर सरकार ने भी कुछ जगह पर पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है।

कुछ जगह पर नाईट कर्फ्यू लगाया गया है। शादी और अन्य सामूहिक कार्यक्रमों में कुछ सीमित पाबंदियाँ लगाई गई हैं। शादी में 100 से ज़्यादा लोगों को जाने की अनुमति नहीं है।

ऐसी ही एक शादी त्रिपुरा की राजधानी अगरतल्ला में हो राही थी जहां पर जमकर कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। हैरत की बात ये है कि वहां कुछ पुलिस वाले भी मौजूद थे।

इसकी खबर जीले के DM शैलेश यादव को लगते ही मौके पर पहुंच गए और पुलिस वालों की मौजूदगी में हो रही शादी को देखकर DM साहब का पारा गरम हो गया।

DM साहब ने सबसे पहले बैंड बाजा वालों को भगाया फिर पुलिस वालों पर बिफर पड़े। DM साहब ने घर वालों को भी हड़काया। DM साहब का ग़ुस्सा देख शादी में आये ज़्यादातर लोग भाग खड़े हुए। DM साहब के सामने जो भी आया उन्होंने उसकी क्लास लगा दी।

इतना ही नहीं उन्होंने शादी करा रहे पुजारी के ऊपर भी हाथ उठा दिया। शायद ग़ुस्से में वो अपना आपा खो चुके थे। इसका बाद में उन्हें खेद भी हुआ। इसके लिए उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी।

DM शैलेश यादव के माफी मांगने के बाद भी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा के विधायकों ने DM साहब के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है साथ ही उनके निलंबन की मांग कर रहे हैं।

भारत की मीडिया जो कि तथाकथित गोदी मीडिया है वो भी हाथ धोकर DM साहब के पीछे पड़ गए हैं। DM शैलेश यादव को एक विलेन के रुप में दिखाया जा रहा है।

ऐसे में सवाल ये उठता है कि लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करने पर ये आधिकारिक कार्यवाही कोई पहला मामला तो नहीं है। इससे पहले भी पुलिस द्वारा शादियों को रोका गया है। इतना ही नहीं पुलिस ने मजदुर और मजबूर लोगों को सड़क पर दौड़ा दौड़ा कर मारा है। तब तो किसी भाजपा के नेता ने आवाज़ नहीं उठाई। न ही गोदी मीडिया के किसी चैनल ने पुलिस वालों के खिलाफ खबर दिखया।

आज जब DM शैलेश यादव ने सख्ती से नियमों का पालन करवाना चाहा तो आखिर इतना हंगामा क्यूँ?
क्यूँ गोदी मीडिया DM शैलेश यादव को विलेन बता रही है? क्यूँ भाजपा के विधायक कार्यवाही की मांग कर रहे हैं?

इन सब सवालों का जवाब कहीं और नहीं बल्कि DM शैलेश ‘यादव’ के नाम में छुपा है।

दरअसल कुछ दलित एक्टिविस्टों ने इसपर सवाल उठाते हुए कहा है कि दरअसल एक पिछड़ी जाति के DM ने एक तथाकथित उच्च जाति के महंत को थप्पड़ जड़ दिया। यही बात भाजपा और मीडिया में बैठे तथाकथित उच्च जाति के लोगों को सहन नहीं हो रहा है। इसलिए उनलोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया है।

पत्रकार एवं दलित एक्टिविस्ट वेदप्रकाश ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि “बेचारा पंडित पिटा गया, यादव DM के हाथों..घोर कलयुग | शैलेश यादव को ऐसा नहीं करना था।

एक अन्य यूजर ‘सौरभ’ लिखते हैं कि “इसका खामियाजा भुगतना पड़ा, डीएम साहब सस्पेंड कर दिए गए हैं शायद।
पटना में डीएम विधायक सब को लपड़िया दिया, कुछ नहीं हुआ उसका।
सब जाति का खेल है।

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