भारत में बेरोजगारी एवं कर्ज़ के कारण आत्महत्या करने के वालों के ताज़ा आंकड़ों ने सबको चौका दिया हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पीछले 3 वर्षों में 25 हज़ार लोगों ने आत्महत्या की हैं।
संसद में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल का लिखित में जवाब देते हुए कहा कि 2020 में बेरोजगारी के कारण 3,548 लोगों की आत्महत्या से मौत हुई।
नित्यानंद राय ने बताया कि 2018 से 2020 के बीच 16,000 से अधिक लोगों ने दिवालिया होने या कर्ज में डूबने के कारण आत्महत्या की हैं जबकि इसी दौरान बेरोजगारी के कारण भी 9,140 लोगों ने अपनी जान ली हैं।
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में कर्नाटक में सबसे ज्यादा बेरोजगारों ने आत्महत्याएं कीं हैं. कर्नाटक में 720 बेरोजगारों ने आत्महत्या की हैं.
महाराष्ट्र में बेरोजगारी के कारण 625, तमिलनाडु 336, असम 234, और उत्तर प्रदेश 227 लोगों ने आत्महत्या की हैं।
बेरोजगारी के आंकड़ों को लेकर कांग्रेस नेता मोहम्मद वसीम ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि “कश्मीर में आतंकवाद के शिकार हुए आँकड़े से भी ज़्यादा डरावना है पिछले 3 सालों में बेरोज़गारी, क़र्ज़ और दिवालिया होने की वजह से 25 हज़ार लोगों ने आत्महत्या करना. लेकिन सरकार की नजर में हिजाब,अब्बा-जान, शमशान, कब्रिस्तान ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा है।”
कश्मीर में आतंकवाद के शिकार हुए आँकड़े से भी ज़्यादा डरावना है पिछले 3 सालों में बेरोज़गारी, क़र्ज़ और दिवालिया होने की वजह से 25 हज़ार लोगों ने आत्महत्या करना.
लेकिन सरकार की नजर में हिजाब,अब्बा-जान, शमशान, कब्रिस्तान ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा है.
— Mohammad Waseem (@wasiiyc) February 12, 2022