दिल्ली सिविल डिफेंस में कार्य करने वाली मुस्लिम लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या को लेकर एक बार फ़िर से सियासत गर्मा गई हैं।
अपने काम से घर लौट रहीं मुस्लिम सिविल डिफेंस कर्मी को फरीदाबाद के सुरजकुंड में ले जाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किए गया तथा उसके बाद चाकुओं से गोद कर उसकी हत्या कर दी गईं।
अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए परिवार धरने पर बैठ गया हैं तथा आरोपियों को सख्त से सख्त सज़ा दिलाने की मांग कर रहें हैं।
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार सिविल डिफेंस कर्मियों की मौत पर 1 करोड़ रुपए का मुआवजा देती हैं लेकीन मुस्लिम लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या पर केजरीवाल सरकार ने पीड़ित परिवार को सिर्फ 10 लाख रुपए का ही मुआवजा दिया हैं।
इससे पहले ड्यूटी के दौरान सिविल डिफेंस कर्मी प्रवेश कुमार की मौत पर केजरिवाल सरकार ने 1 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद दी थीं।
मुस्लिमो को न्याय दिलाने के नाम पर केजरीवाल सरकार भेदभाव कर रही हैं। तथा उनको न्याय के नाम पर सिर्फ धोखा दे रही हैं। एआईएमआईएम ने केजरीवाल के भेदभाव पूर्ण रवैए की खुलकर आलोचना की हैं।
एआईएमआईएम दिल्ली अध्यक्ष कलीमुल हफीज़ का कहना है कि “केजरीवाल का भेदभाव, दिल्ली सरकार ने सिविल डिफेंस में कार्यरत प्रवेश कुमार को सितंबर 2020 में गाड़ियों की चेकिंग के दौरान उनकी मृत्यु पर परिवार को ₹ 1 करोड़ की सम्मान राशि दी है….तो आख़िर दिल्ली सिविल डिफेंस में ही कार्यरत राबिया सैफ़ी की नृशंस हत्या पर सिर्फ़ ₹10 लाख क्यों?
केजरीवाल का भेदभाव
दिल्ली सरकार ने सिविल डिफेंस में कार्यरत प्रवेश कुमार को सितंबर 2020 में गाड़ियों की चेकिंग के दौरान उनकी मृत्यु पर परिवार को ₹ 1 करोड़ की सम्मान राशि दी है….तो आख़िर दिल्ली सिविल डिफेंस में ही कार्यरत राबिया सैफ़ी की नृशंस हत्या पर सिर्फ़ ₹10 लाख क्यों? pic.twitter.com/fWC84JRCTR
— Kaleemul Hafeez (@KaleemulHafeez) September 2, 2021