द वायर की वरिष्ठ संपादक एवं देश की जानी-मानी पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने एक कार्यक्रम में देश की मौजूदा स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि “ना हिंदू-ना मुसलमान खतरे में हैं संविधान”।
आरफा खानम ने कहा कि आज देश में ऐसा वातावरण बन गया हैं कि कोई भी व्यक्ति कभी भी देशद्रोही बनाया जा सकता हैं।
किसान आंदोलन को गांधीवादी तौर तरीके से चलाने वाले किसानों ने तथा घरों की दहलीज पार नहीं करने वाली औरतों ने शाहीन बाग में अनुशासित प्रदर्शन कर यह बता दिया कि अगर संविधान पर आच आ जाएं तो हम खामोश नहीं बैठ सकते।
आरफा खानम ने कहा अगर सजग नहीं रहें और संघर्ष नहीं किया तो संविधान खतरे में आ जाएगा. किसान आंदोलन और शाहीन बाग ने देशभर की एक नई जागृति की जिंदा मिशाल पेश कर झगझोर दिया हैं।
उन्होंने कहा कृषि बिल वापस होने की जमकर तारीफ हो रहीं हैं. लेकिन इस आंदोलन के दौरान लगभग 50 हज़ार किसानों पर मुकदमे दर्ज़ किए गए हैं. लेकिन इस पर कोई बात नहीं हो रहीं है।
मौजूदा सरकार हमें नागरिक नहीं प्रजा बनाना चाहती हैं. भारत विचारों का स्वच्छ महासागर हैं लेकिन इसे गंदा नाला बनाने की कोशिश की जा रहीं हैं. जिससे हमे बचकर रहना हैं. तथा संविधान की रक्षा करनी हैं।