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कर्नाटक:- भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने बेड घोटाले को सांप्रदायिक रंग दिया,मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश

कर्नाटक में कोरोना मरीजों को बेड दिलाने के नाम पर हुए घोटाले को भाजपा द्वारा जबरन सांप्रदायिक रंग देकर मुसलमानों को बदनाम किया जा रहा है।

बेंगलूर में कोरोना मरीज़ों की सहूलियत के लिए बनाए गए बेंगलुरु साउथ वॉर रूम में बेड बेचने के मामला सामने आया था जिसकी जांच का नेतृत्व भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या कर रहे थे।

भाजपा सांसद का दावा है कि जिस मरीज के नाम पर बेड बुक थे वह बेड पैसे लेकर किसी और को बेच दिया गया था।

तेजस्वी सूर्या ने इस घोटाले के लिए 17 मुस्लिम कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहाँ है कि इन लोगों की नियुक्ति क्या मदरसे से की गई है।

वाॅर रूम में कुल 206 कर्मचारी करते है लेकिन भाजपा सांसद द्वारा सिर्फ 17 मुसलमानों का ही नाम लिया गया ताकि मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाया जा सकें।

मामलें में फंसाए गए मुस्लिम कर्मचारी ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि “हम लोग बेहद निचले स्तर पर काम करते हैं हम यह तय नहीं करते कि किसे बेड मिलना चाहिए और किसे नही। हम सिर्फ कॉल रिसीव करते हैं और डॉक्टर को बताते हैं और उसके बाद वे हमें बताते हैं कि किसके लिए बेड बुक करना है हम सिर्फ डाक्टर के निर्देशों का पालन करते है।”

कांग्रेस विधायक रिज़वान अरशद ने इस घटना ट्वीट करते हुए हुआ कहाँ है कि “तेजस्वी सूर्या अगर आप और बीजेपी सरकार मदद नहीं कर सकती तो कम से कम अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए सांप्रदायिक ज़हर तो मत फैलाओ क्रोनोलॉजी 212 लोग वॉर रूम में काम करते हैं लेकिन तेजस्वी सूर्या और उनकी गैंग 17 मुस्लिम कर्मचारियों के ही नाम लेती है और पॉइंट आउट करता है कि लिस्ट मदरसे से है।

रिज़वान अरशद का कहना है कि “अपने कार्यों को देखकर, यह न सोचें कि आपका इरादा किसी घोटाले को उजागर करना था, बल्कि आपका मकसद मुस्लिम समुदाय को लक्षित करके अपने सांप्रदायिक एजेंडे को फैलाना था”।

यह पहला घोटाला है जिसके आरोप सबसे निचले स्तर के कर्मचारियों पर लगें है जबकि कोई भी घोटाला ऊपर बैठे आला अधिकारियों की मर्जी के बिना नही होता।

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