भारत अब धीरे-धीरे हिंदू राष्ट्र की तरफ़ बढ़ रहा हैं. योग्यता को किनारे रखते हुए अब धर्म के आधार पर नौकरी देने का सिलसिला शुरू हो चुका हैं।
तमिलनाडु के कोलाथुर स्थित अरुलमिगु कपालेश्वर आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज में विभिन्न पदों के लिए नौकरी का विज्ञापन निकला था. जिसमें सिर्फ़ हिंदुओं को ही आवदेन करने का अधिकार था।
13 अक्टूबर को विभिन्न प्रकाशनों (अखबारों) में नजर आए विज्ञापन में केवल हिंदुओं से ही आवदेन मांगे गए थे. जिसके बाद पूरे प्रदेश में बवाल मच गया।
अरुलमिगु कपालेश्वर आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज के विज्ञापन में बीकॉम, बीबीए, बीएससी कंप्यूटर साइंस, बीसीए, तमिल, अंग्रेजी, गणित पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए सहायक प्रोफेसर के पद के साथ-साथ शारीरिक शिक्षा निदेशक और लाइब्रेरियन पदों के लिए वॉक-इन-इंटरव्यू के ज़रिए आवदेन मांगे गए थे। जिनमें सिर्फ़ हिंदुओं को ही आवदेन करने का अधिकार था।
हालांकि कॉलेज का कहना है कि सभी कर्मचारी हिंदू होने चाहिए, यह सिर्फ मंदिर के कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए हैं. लेकिन आपको बता दें कि आवदेन में ऐसा कही नहीं लिखा था।
सोशल एक्टिविस्ट अशरफ़ हुसैन के अनुसार “तमिलनाडु के एक सरकारी कॉलेज के लिए टीचरों और कॉलेज स्टाफ के लिए नौकरी का विज्ञापन निकला. जिसमें आवेदन के लिए केवल एक समुदाय के लोगों को आमंत्रित किया गया. जिसके बाद विवाद शुरू हो गया और टीचर्स असोसिएशन को इसपर जवाब देना पड़ा. लेकिन सवाल ये है कि इस तरह का भेदभाव क्यों हो रहा।”
तमिल नाडु के एक सरकारी कॉलेज के लिए टीचरों और कॉलेज स्टाफ के लिए नौकरी का विज्ञापन निकला जिसमें आवेदन के लिए केवल एक समुदाय के लोगों को आमंत्रित किया गया। जिसके बाद विवाद शुरू हो गया और टीचर्स असोसिएशन को इसपर जवाब देना पड़ा। लेकिन सवाल ये है कि इस तरह का भेदभाव क्यों हो रहा🤔 pic.twitter.com/LxLYHIrnHF
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) October 19, 2021